भारत लागू करेगा दुनिया में सबसे बड़े बांध पुनर्वास कार्यक्रम, जानिये यूएन में की गई इस घोषणा के बारे में

जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के जल क्षेत्र में 240 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करने और दुनिया में सबसे बड़े बांध पुनर्वास कार्यक्रम को लागू करने के साथ ही भूजल स्तर को बढ़ाने के प्रयास करने को लेकर प्रतिबद्धता जतायी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 24 March 2023, 12:24 PM IST
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संयुक्त राष्ट्र: जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के जल क्षेत्र में 240 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करने और दुनिया में सबसे बड़े बांध पुनर्वास कार्यक्रम को लागू करने के साथ ही भूजल स्तर को बढ़ाने के प्रयास करने को लेकर प्रतिबद्धता जतायी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार शेखावत ने संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन 2023 को संबोधित करते हुए जल सुरक्षा सुनिश्चित करने और सभी के लिए स्वच्छ जल तथा स्वच्छता के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी)-6 को प्राप्त करने की दिशा में भारत में किए जा रहे महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों तथा प्रयासों को रेखांकित किया।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में शेखावत ने कहा, ‘‘ हम निजी नवप्रवर्तक, स्टार्ट-अप्स और जल-उपयोगकर्ता संघों के साथ साझेदारी में सरकारी संसाधनों के माध्यम से जल क्षेत्र में 240 अरब डॉलर से अधिक का निवेश करने को प्रतिबद्ध हैं। भारत स्वच्छता और पेयजल तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए दो प्रमुख मिशन लागू कर रहा है।’’

उन्होंने कहा कि भारत जलवायु को लचीला बनाने के लिए जल भंडारण बुनियादी ढांचे के निर्माण के वास्ते दुनिया के सबसे बड़े बांध पुनर्वास कार्यक्रम पर काम कर रहा है। इसके अलावा देश के अनूठे भूगोल के कारण, भारत दुनिया में भूजल के सबसे बड़े उपयोगकर्ताओं में से एक है।

उन्होंने कहा कि हालांकि आज भारत भूजल स्तर को बढ़ाने और ग्रामीण जल सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से मांग और आपूर्ति पक्ष को साथ लाने की दिशा में काम कर रहा है।

जल सम्मेलन में औपचारिक रूप से जल व स्वच्छता पर कार्रवाई के लिए संयुक्त राष्ट्र के एक दशक (2018-2028) में किए जाने वाले कार्यों की मध्यावधि समीक्षा की गई। यह सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में हो रहा है।

ताजिकिस्तान और नीदरलैंड इसकी मेजबानी कर रहे हैं। 22 से 24 मार्च तक जारी सम्मेलन में जो भी निष्कर्ष निकलकर आएगा, उसे सतत विकास पर संयुक्त राष्ट्र के उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच के 2023 सत्र में शामिल किया जाएगा।

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