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जानिये, आज का दिन भारत के लिए क्यों है खास, देश को इसलिए इन पर है नाज

देशवासियों के लिए 28 सितंबर शुक्रवार का दिन कई मायनों से अहम है। आज के ही दिन भारत मां ने कुछ ऐसे सपूतों को जन्म दिया जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में लोहा मनवाया। देश के युवाओं के लिए ये प्रतिभाशाली चेहरे बने हैं प्रेरणास्रोत। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़ें किन प्रतिभाओं का जन्मदिन है आज..
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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जानिये, आज का दिन भारत के लिए क्यों है खास, देश को इसलिए इन पर है नाज

नई दिल्लीः आज 28 सितंबर 2018 का दिन यानि शुक्रवार देशवासियों लिए बेहद ही खास है। ऐसा इसलिए क्योंकि आज ही के दिन देश की आजादी का दीप प्रज्ज्वलित करने वाले शहीद-ए-आजम भगत सिंह पैदा हुए थे। वहीं यह दिन देशवासियों के लिए दूसरे मायने में भी इसलिए खास है क्योंकि आज संगीत, कला और खेल के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके कुछ चुनिंदा प्रतिभाओं का भी जन्मदिन है।      

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शहीद-ए-आजम भगत सिंह (फाइल फोटो)

1. भगत सिंहः अंग्रेजी शासन की जड़ें हिला देने वाले भारत मां के लाल भगत सिंह को आज पूरा देश याद कर रहा है। भगत सिंह का जन्म 1907 में आज ही के दिन पंजाब के बंगा(अब पाकिस्तान) में एक सिख परिवार में हुआ था। उन्होंने देश की आजादी के लिए जो रुख अपनाया और आजादी के दिवानों में न सिर्फ अपना नाम दर्ज करवाया बल्कि वीर सपूत भगत सिंह ने अपनी एक अलग पहचान बनाई। आज देश का हर वो नौजवान भगत सिंह को याद कर उनके कारनामों की गाथा गा रहा है।     

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लता मंगेशकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ (फाइल फोटो)

2. लता मंगेशकरः सुर कोकिला लता मंगेशकर का जन्म 1929 में आज ही के दिन मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था। लता शुरू से ही प्रतिभा की धनी रही। उनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर शास्त्रीय गायक और थिएटर आर्टिस्ट थे। 1963 में 'ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी' के गाने की बोल को सुनकर तत्कालीन प्रधानंत्री जवाहरलाल नेहरू की आंखें नम करने वाली, लता मंगेशकर हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि विश्वभर में अपनी आवाज का जौहर दिखा चुकी है।     

निशानेबाज अभिनव बिंद्रा (फाइल फोटो)

 

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3. अभिनव बिंद्राः निशानेबाजी में भारत का नाम बुलंद करने वाले अभिनव बिंद्रा ने दुनिया को अपने शानदार प्रदर्शन से ये दिखा दिया है कि भारत निशेनाबाजी में किसी से कम नहीं है। अभिनव का जन्म आज ही के दिन 1982 में देहरादून में हुआ था। बिंद्रा ने 2008 में बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण जीता था। 

वहीं उन्होंने महज 15 साल की उम्र में साल 1998 में कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का प्रतिनिधत्व किया था। बिंद्रा को उनके बहुमुंखी खेल के लिए भारत सरकार की तरफ से अर्जुन अवार्ड, राजीन गांधी खेल रत्न, पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। वहीं निशानेबाजी में देश का हर वह युवा उनसे प्रेरणा ले रहा है जो इससे अपना करिअर चुन रहा है।

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