भारत ने डब्ल्यूटीओ में वस्तुओं, सेवाओं में ई-कॉमर्स कारोबार की स्पष्ट परिभाषा का मुद्दा उठाया

भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्य देशों से वस्तुओं तथा सेवाओं में ई-कॉमर्स व्यापार की स्पष्ट परिभाषा पर काम करने का आग्रह किया है, जिससे विकासशील देशों को तेजी से बढ़ते क्षेत्र पर फैसले करने में मदद मिलेगी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Updated : 29 October 2023, 3:46 PM IST
google-preferred

नयी दिल्ली: भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्य देशों से वस्तुओं तथा सेवाओं में ई-कॉमर्स व्यापार की स्पष्ट परिभाषा पर काम करने का आग्रह किया है, जिससे विकासशील देशों को तेजी से बढ़ते क्षेत्र पर फैसले करने में मदद मिलेगी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक वर्तमान में विश्व व्यापार संगठन के विकसित और विकासशील सदस्य देशों के बीच इस विषय को लेकर सहमति नहीं है। जिनेवा में पिछले सप्ताह डब्ल्यूटीओ सदस्यों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक के दौरान यह मुद्दा उठा।

अधिकारी ने कहा, ‘‘ भारत ने कहा कि डिजिटल वस्तुओं और सेवाओं के बारे में परिभाषा स्पष्ट होनी चाहिए क्योंकि सीमा शुल्क वस्तुओं पर लगता है, सेवाओं पर नहीं। पश्चिमी देश कोई सीमा शुल्क नहीं चाहते और दूसरी ओर विकासशील देश शुल्क लगाने के लिए नीति चाहते हैं।’’

सीमा शुल्क घरेलू उद्योगों की रक्षा करने में मदद करते हैं और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले (एमएसएमई) उद्यम की वृद्धि के लिए नीतिगत समर्थन प्रदान करते हैं।

हालांकि, डब्ल्यूटीओ के कुछ सदस्य 1998 से ई-कॉमर्स के मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन इस विषय की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं है। 80 देशों का एक समूह इस विषय को लेकर एक समझौते पर चर्चा कर रहा है लेकिन भारत उसका हिस्सा नहीं है।

अमेरिका ने भी हाल ही में डब्ल्यूटीओ में ई-कॉमर्स पर वैश्विक नियम बनाने की वार्ता से खुद को अलग कर लिया था।

 

Published : 
  • 29 October 2023, 3:46 PM IST

Related News

No related posts found.