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Gorakhpur: अचानक आसमान में चक्कर लगाने लगा विमान, यात्रियों की अटक गई सांसे, देखिए फिर क्या हुआ

गोरखपुर में विमान आसमान में अचानक लगाने लगा चक्कर, जिससे विमान में बैठे यात्रियों की अटक गई सांसे। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिए कि आखिर विमान को क्या हुआ था
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Gorakhpur: अचानक आसमान में चक्कर लगाने लगा विमान, यात्रियों की अटक गई सांसे, देखिए फिर क्या हुआ

गोरखपुर: मुंबई से इंडिगो के विमान संख्या 6 ई 544 ने 225 यात्रियों को लेकर गोरखपुर के लिए उड़ान भरी, लेकिन गोरखपुर नहीं पहुंच पाया, बल्कि प्लेन को वाराणसी जाना पड़ गया। विमान ने गोरखपुर में आसमान में चार चक्कर भी लगा लिए लेकिन अपनी डेस्टिनेशन पर नहीं पहुंच पाया। 

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, गोरखपुर जाने वाले विमान को वाराणसी तेज़ हवा और अनस्टेबलाइज्ड स्टेप यानि गलत अप्रोच की वजह से जाना पड़ा। तेज़ हवा की वजह से विमान को गोरखपुर में लैंडिंग करने की परमिशन नहीं मिल रही थी, जिसकी वजह से विमान आसमान में घूमता रहा, जिससे प्लेन में बैठे यात्रियों की सांसे अटक गई। कुछ देर बाद पायलट ने विमान की लैंडिंग की कोशिश की लेकिन तेज़ हवा की वजह से विमान की लैंडिंग नहीं हो पाई और विमान को वाराणसी भेजना पड़ा, जिससे यात्री परेशान हो गए और हंगामा करने लगे, उन्होंने कहा कि वे अब वाराणसी से गोरखपुर कैसे जाएंगे। फिर विमान में मौजूद स्टाफ ने उन्हें समझाया कि इसी विमान से उन्हें वापस गोरखपुर लाया जाएगा। तब जाकर यात्री शांत हुए। 

वारणसी में यात्रियों को करीब 40 घंटे प्लेन के अंदर ही बैठना पड़ा। जब मौसम ठीक हुआ तो प्लेन ने फिर से गोरखपुर के लिए उड़ान भरी।  

बता दें कि इसी विमान को गोरखपुर से वापस मुंबई जाना था, ऐसे में गोरखपुर एयरपोर्ट पर इंतजार कर रहे यात्री समय पर फ्लाइट न आने की वजह से परेशान हो गए। ऐसे में एयरपोर्ट प्रशासन ने उन्हें बताया कि खराब मौसम की वजह से प्लेन की लैंडिग नहीं हो पाई और विमान को वाराणसी भेजना पड़ा, लेकिन विमान वापस यहीं आएगा और मुंबई जाएगा। 

क्या है अनस्टेबलाइज्ड एप्रोच? 

लैंडिंग के दौरान जब विमान सही ऊंचाई, गति और पथ (ग्लाइड पाथ) पर नहीं होता है तो ऐसी स्थिति में लैंडिंग खतरनाक मानी जाती है। ऐसे में विमान के रनवे से बाहर जाने, हार्ड लैंडिंग या दुर्घटना होने का खतरा बढ़ जाता है। तकनीकी भाषा में इसे अनस्टेबलाइज्ड एप्रोच कहा जाता है। ऐसी परिस्थिति आने पर प्राय: पायलट को गो-अराउंड के निर्देश दिए जाते हैं।
 

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