DRDO की प्रौद्योगिकी के जरिये विकसित दवा को DCGI की मिली मंजूरी
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रौद्योगिकी के जरिये ‘रेडियोलॉजी’ और नाभिकीय आपात स्थितियों के लिए विकसित एक महत्वपूर्ण दवा को भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से मंजूरी मिल गई है। रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
नयी दिल्ली: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रौद्योगिकी के जरिये ‘रेडियोलॉजी’ और नाभिकीय आपात स्थितियों के लिए विकसित एक महत्वपूर्ण दवा को भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से मंजूरी मिल गई है। रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
दवा ‘प्रूसियान ब्लू’ को प्रौद्योगिकी विकास कोष (टीडीएफ) के तहत विकसित किया गया है।
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टीडीएफ की शुरुआत मुख्य रूप से रक्षा अनुप्रयोग के लिए स्वदेशी अत्याधुनिक प्रणालियों का निर्माण करके आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के मद्देनजर की गई थी।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस दवा को फार्मा उद्योग द्वारा विकसित किया गया है, जो दिल्ली के नाभिकीय औषधि तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान (इनमास) की तकनीक पर आधारित है।
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इनमास, डीआरडीओ की एक प्रयोगशाला है।
डीआरडीओ के प्रमुख समीर वी. कामत ने दवा विकसित करने में शामिल दलों को बधाई दी है।