जिलाधिकारी के सख्त तेवर से अवैध कब्जेदारों की आयी शामत, शगुन मैरिज हॉल कराया खाली

फतेहपुर जनपद में जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह की तैनाती के बाद से ही जिला दिन प्रतिदिन विकास की ओर बढ़ रहा है चाहे अतिक्रमण को लेकर हो या फिर अवैध कब्जों को लेकर। डाइनामाइट न्यूज की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 24 November 2018, 12:14 PM IST

फतेहपुर: फतेहपुर जनपद में जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह की तैनाती के बाद से ही जिला दिन प्रतिदिन विकास की ओर बढ़ रहा है चाहे अतिक्रमण को लेकर हो या फिर अवैध कब्जों को लेकर डीएम का रुख हमेशा से स्पष्ट है वो समय चला गया जब भ्रष्ट सफेदपोश और भूमाफियाओं ने ये शिगूफ़ा बना दिया था कि जो सरकारी है वो हमारी है और जनपद व शहर क्षेत्र की हजारों बीघे जमीन तत्कालीन नौकरशाहों से मिलकर कब्जा करके बेच डाली,मगर उन माफ़ियाओं ने यह नहीं सोचा होगा कि कोई ऐसा जिलाधिकारी आएगा जो ढूंढ-ढूंढकर माफियाओं को नेस्तनाबूत कर देगा, शगुन मैरिज हॉल सीज होने के बाद उन माफियाओं के माथे पर भी शिकन आ गयी है जो गृहसचिव और मुख्यमंत्री के नीचे बात नहीं करते थे।

यह भी पढ़ें: फतेहपुर: रामगंगा नहर का बांध टूटा.. घर-गांव में भरा पानी, बाढ़ से जन जीवन अस्त-व्यस्त

 

जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने शगुन मैरिज हॉल सीज होने के मामले में स्पष्ट कहा कि इस मैरिज हॉल का पट्टा फर्जी तरीके से करवाया गया था जिसके कागजों की जांच पड़ताल करके यह कार्यवाही की गई है। रही बात मैरिज हॉल के संचालन की तो वह अब नगरपालिका के नेतृत्व से संचालित होगा और इसका अलग खाता खोलवाने के लिए निर्देशित कर दिया गया है।

 ताकि उससे आने वाला राजस्व सरकार के पास आये साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उस परिसर में किसी भी तरह का कार्यालय संचालित नहीं होगा और वहां से सम्बंधित दुकानों को जल्द ही खाली करवा लिया जाएगा और दुकानों को पुनः नए तरीके से आवंटित किया जाएगा। 

यह भी पढ़ें: फतेहपुरः झंडे को सलामी देकर सभी थानों में फहराया गया पुलिस ध्वज, निकाली परेड

जिलाधिकारी ने बताया कि इस मैरिज लॉन को अवैध तरीके से पट्टा करवाकर मट्टी के मोल ले लिया गया था।  जिससे सरकारी राजस्व का भारी नुकसान हो रहा था अब वही राजस्व नगर पालिका के पास आएगा जो शहर के विकास कार्यों में काम आएगा। 

 

गौरतलब है कि इस मैरिज लॉन का पट्टा सन 1999 में आयशा खातून और नज़ाकत खातून के नाम हुआ था जिसमें वर्ष 2010 में एक मुकदमे के आधार पर आयशा खातून आदि को न्यायालय से यथास्थिति का आदेश प्राप्त हो गया था उसी के आधार पर आज तक यह काबिज हैं।

वहीं इस बाबत जब नगरपालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि हाजी रजा से बात की गई तो उनका कहना था कि प्रशासन भाजपा के इशारे पर पक्षपात पूर्ण तरीके से कार्य कर रहा है मगर आज जिलाधिकारी ने सरकारी संपत्ति को कब्जे में लेते हुए अपना रुख स्पष्ट कर दिया कि किसी भी सरकारी संपत्ति को किसी भी मुकदमे या स्टे के नाम पर आप प्रभावित नहीं कर सकते उसको छोड़ना होगा और यह मानना होगा जो सरकारी है वह सरकारी है हमारी नहीं है।

Published : 
  • 24 November 2018, 12:14 PM IST

No related posts found.