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‘धोनी एक जादूगर, कचरे को सोेने में बदलने की रखते हैं काबिलियत’, पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर का मानना,जानिये पूरा मामला

आस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर मैथ्यू हेडन का मानना है कि महेंद्र सिंह धोनी एक जादूगर है जो किसी और के कचरे को सोने में बदल देता है और चेन्नई सुपर किंग्स की कामयाबी में उसका इतना योगदान है कि बतौर खिलाड़ी फ्रेंचाइजी के साथ उसके भविष्य की बातें लगभग अप्रासंगिक है । पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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‘धोनी एक जादूगर, कचरे को सोेने में बदलने की रखते हैं काबिलियत’, पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर का मानना,जानिये पूरा मामला

नयी दिल्ली: आस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर मैथ्यू हेडन का मानना है कि महेंद्र सिंह धोनी एक जादूगर है जो किसी और के कचरे को सोने में बदल देता है और चेन्नई सुपर किंग्स की कामयाबी में उसका इतना योगदान है कि बतौर खिलाड़ी फ्रेंचाइजी के साथ उसके भविष्य की बातें लगभग अप्रासंगिक है ।

धोनी की कप्तानी में सीएसके दसवीं बार आईपीएल फाइनल में पहुंची है । टूर्नामेंट की शुरूआत में टीम की गेंदबाजी कमजोर थी लेकिन धोनी ने उसी से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करा लिया । बल्लेबाजी में भी अजिंक्य रहाणे और शिवम दुबे का जिस तरह से इस्तेमाल किया गया, उसकी हर जगह तारीफ हो रही है ।

टूर्नामेंट में धोनी घुटने की चोट के साथ खेले हैं । उन्होंने बतौर खिलाड़ी अपने भविष्य पर फैसला लेने के लिये खुद को आठ नौ महीने का समय दिया है । हेडन का हालांकि मानना है कि वह अगले आईपीएल में नहीं खेलेगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार  हेडन ने  कहा ,‘‘ एम एस एक जादूगर है । वह किसी और का कचरा लेकर उसे सोने में बदल देता है । वह काफी कुशल और सकारात्मक कप्तान है । उसने बहुत रोचक बात कही है जो उसकी विनम्रता दर्शाती है । तमिलनाडु क्रिकेट संघ और उसकी टीम के बीच तालमेल कितना मजबूत है और टीम को मजबूत बनाने की प्रक्रिया की कड़ी भी है । हर लक्ष्य को पाने के लिये एक प्रक्रिया होती है और उसने पहले भारतीय टीम के साथ और अब सीएसके के साथ यह करके दिखाया ।’’

उन्होंने यूनिवर्सिटी आफ टेक्नॉलॉमी सिडनी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा ,‘‘ वह अगले साल खेलेगा या नहीं , यह अब अप्रासंगिक है ।मुझे लगता है कि वह नहीं खेलेगा लेकिन वह एम एस धोनी है ।’’

हेडन ने यह भी कहा कि दुनिया भर में टी20 क्रिकेट के बढते चलन से खिलाड़ियों के लिये तीनों प्रारूपों में खेलना कठिन हो गया है ।

उन्होंने कहा ,‘‘ तीनों प्रारूपों में खेलने वाले खिलाड़ियों का समय खत्म होने वाला है । टेस्ट क्रिकेट खेलने को लेकर काफी उत्साह है और विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप उसका उदाहरण है । इसके अलावा देखें तो काफी टी20 क्रिकेट हो रहा है ।’’

उन्होंने कहा कि दुनिया भर में फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलने के लिये राष्ट्रीय अनुबंध छोड़ने वाले खिलाड़ियों को दोष नहीं दिया जा सकता ।

उन्होंने कहा ,‘‘ यह तय है कि कल बच्चे क्रिकेट खेलना चाहेंगे तो फ्रेंचाइजी क्रिकेट ही खेलेंगे । उन्होंने देखा है कि कमजोर तबके के कई खिलाड़ी , खासकर वेस्टइंडीज के क्रिकेटर कितने सक्रिय हैं । मिसाल के तौर पर निकोलस पूरन क्या टेस्ट क्रिकेट खेलना चाहेगा । उससे पहले ड्वेन ब्रावो ने टेस्ट क्रिकेट खेला लेकिन ज्यादातर दुनिया भर में फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेला है ।’’

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