Site icon Hindi Dynamite News

Delhi Excise Scam: जेल में बंद आप नेता संजय सिंह को राज्यसभा के लिए पुन:नामांकन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर की अनुमति मिली

दिल्ली की एक अदालत ने कथित दिल्ली आबकारी घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह को राज्यसभा के लिए पुन: नामांकन के फॉर्म और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दे दी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
Delhi Excise Scam: जेल में बंद आप नेता संजय सिंह को राज्यसभा के लिए पुन:नामांकन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर की अनुमति मिली

नयी दिल्ली:  दिल्ली की एक अदालत ने कथित दिल्ली आबकारी घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह को राज्यसभा के लिए पुन: नामांकन के फॉर्म और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दे दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने संजय सिंह द्वारा दायर एक आवेदन पर आदेश पारित किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्यसभा के सदस्य के रूप में उनका वर्तमान कार्यकाल 27 जनवरी को समाप्त हो रहा है और निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव कराने के लिए 2 जनवरी को नोटिस जारी किया है। आवेदन में सिंह ने कहा कि इसके लिए नामांकन पत्र 9 जनवरी तक जमा किए जाने हैं।

आवेदन में तिहाड़ जेल अधीक्षक को सिंह को दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने की अनुमति देने का निर्देश देने की अपील की गई थी।

न्यायाधीश ने बृहस्पतिवार को पारित एक आदेश में कहा, ‘‘यह निर्देशित किया जाता है कि यदि आरोपी के वकील द्वारा 6 जनवरी, 2024 को जेल अधिकारियों के समक्ष दस्तावेज प्रस्तुत किए जाते हैं, तो जेल अधीक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि उक्त दस्तावेजों पर आरोपी के हस्ताक्षर लेने की अनुमति दी जाए और उन्हें मिलने की भी अनुमति दी जाए।’’

अदालत ने कहा, ‘‘उक्त नामांकन दाखिल करने के संबंध में तौर-तरीकों पर चर्चा करने के लिए उन्हें अपने वकील से आधे घंटे के लिए मुलाकात की अनुमति भी दी जाती है।''

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सिंह को 4 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। ईडी ने आरोप लगाया है कि सिंह ने अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे कुछ शराब निर्माताओं, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं को मौद्रिक लाभ हुआ। सिंह इस दावे का पुरजोर खंडन करते रहे हैं।

 

Exit mobile version