महराजगंज: 7 अक्टूबर को जब पुरदंरपुर थाने के निवासी और वार्ड नंबर 28 के महिला जिला पंचायत सदस्य के पुत्र जितेन्द्र यादव पर गोलियों की बौछार की गयी थी तब आखिर क्यों नहीं पुलिस प्रशासन ने उसकी पुख्ता सुरक्षा सुनिश्चित की? अब इस सवाल के जवाब में पुलिस के बड़े अफसरों ने जवाब देते नहीं बन रहा है तो फिर वे किसी तरह मृतक पर पूर्व में दर्ज मुकदमों का हवाला दे रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि क्या यदि किसी व्यक्ति पर मुकदमे दर्ज हैं तो उसकी हत्या की इजाजत किसी को भी दे दी जायेगी?
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सवाल यह है कि दो महीने पहले जानलेवा हमला हुआ था और इसके बाद भी परिजन बार-बार सुरक्षा की गुहार लगा रहे थे तो क्या कारण था कि पुलिस के बड़े अफसरों ने इसकी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की? क्या इसके पीछे कोई साजिश है?
कुल मिलाकर आये दिन हत्या और लूट की वारदातों से महराजगंज जिला अपराध का गढ़ बनता जा रहा है।
जिले के पुलिस महकमे के बड़े अफसर लंबे समय से जिले में तैनात हैं, इसके बाद भी या तो उनसे जिला संभल नहीं रहा या फिर किसी खास के प्रभाव में वे जिले को जानबूझकर भगवान भरोसे छोड़ चुके हैं।

