Site icon Hindi Dynamite News

बाराबंकी: 9 करोड़ की लागत से सुधरेगा शहर का ड्रेनेज सिस्टम, जलजमाव से मिलेगी निजात

यूपी के बाराबंकी में जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर शासन ने मंजूरी दे दी है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
बाराबंकी: 9 करोड़ की लागत से सुधरेगा शहर का ड्रेनेज सिस्टम, जलजमाव से मिलेगी निजात

बाराबंकी: शासन ने बाराबंकी जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर मोहर लगा दी है। जिलाधिकारी के प्रयासों से जहां एक तरफ शहर को नाले और नालियों से निकलने वाली गंदगी व कीचड़ से मुक्ति मिल जाएगी, तो वहीं दूसरी तरफ कीचड़ से फैलने वाले संक्रामक रोगों से भी निजात मिल जाएगी। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा भेजे गए 25 करोड़ के प्रस्ताव पर 9 करोड़ की स्वीकृति मिल गई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार जमुरिया को साफ रखने के लिए 6 करोड़ की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया जाएगा।

जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार झा ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि पिछले वर्ष अत्याधिक बारिश के बाद जमुरिया से निकले पानी ने शहर में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए।  जिसमें आर्थिक रुप से काफ़ी नुकसान हुआ। हालात के मद्देनजर प्रभावी कार्यवाही करने के लिए एक वृहद कार्य योजना तैयार की गई है।

उन्होंने बताया कि इसके तहत प्रथम शहर के सबसे बड़े जमुरिया नाले पर पहले अतिक्रमण को हटाकर इसे 25 मीटर चौड़ा किया गया है। अब अन्य नाले व नालियों के दुरस्तीकरण का कार्य किया जाएगा। साथ ही इनसे निकलने वाले कचड़े को रिफाइंन करने के लिए जगनेहटा में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया जाएगा।

आधुनिक होगा ड्रेनेज सिस्टम

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से पहले शहर का ड्रेनेज सिस्टम आधुनिक किया जाएगा। जिसमें शहर के बड़े नालों व छोटी नालियों को आपस में जोड़ा जायेगा। आवश्यकता होने पर कुछ पुराने नाले बंद किए जाएंगे और नए नालों का निर्माण भी किया जाएगा। जिससे शहर से निकली गंदगी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक आसानी से पहुंच सके। इस सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में गंदे पानी को रीसाइकलिंग कर शुद्ध कर नदी में प्रवाहित किया जाएगा व शेष बचे गंदे कचरे को जैविक व रासायनिक पद्धति से  खाद में बदल दिया जाएगा।

इस कार्य में प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती घरों व व्यवसायिक भवनों के आगे बने बेतरतीब रैंप (स्लोप) रहेंगे। जिनके नीचे बनी नालियों में वर्षों से कचड़ा जमा रहता है और यह नालियों के चोक होने की मुख्य वजह भी है। बात करने पर संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों का मानना है कि शहर की यह व्यापक समस्या है। लोगों ने अपने भवनों के आगे मानक के विपरीत नालियों पर रैंप बनाए हैं। जिनमें कचड़ा फंसने से सड़क पर जलजमाव की स्थिति बन जाती है।

Exit mobile version