नई दिल्ली: देश में हड़तालों का सिलसिला जारी हो गया है। कोलकाता हत्याकांड (Kolkata Murder Case) और आरक्षण (Reservation) के मुद्दे पर भारत बंद के बाद अब ऑटो-टैक्सी (Auto Taxi) यूनियन ने भी हड़ताल (Strike) का एलान किया है। जिसकी वजह से रेलवे स्टेशन, बस स्टाप या फिर लास्ट माइल कनेक्टिविटी पाने में मुश्किल हो सकती है। एक आंकड़े के तहत हड़ताल की वजह से चार लाख टैक्सी सड़कों पर नहीं उतरेंगी। वहीं, हड़ताल से ऑटो, टैक्सी और एप आधारित कैब सेवाएं (Cab Service) सबसे ज्यादा प्रभावित होने का खतरा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार यूनियनों ने ऐप-आधारित कैब सेवाओं के कारण उनकी आजीविका पर पड़ने वाले बढ़ते प्रभाव के विरोध में हड़ताल का आह्वान किया है।
जानकारी के अनुसार यूनियनों ने बताया कि ऐप-आधारित कैब सेवाओं ने उनकी आय को नुकसान पहुंचाया है, साथ ही ये कंपनियां कैब चालकों से भारी कमीशन भी वसूल रही हैं। उनकी शिकायतों के बावजूद उनका दावा है कि न तो केंद्र और न ही राज्य सरकारों ने इस मुद्दे को हल करने के लिए कोई कार्रवाई की है। यूनियनों की मांग है कि सरकार उनकी समस्याओं का समाधान खोजने के लिए हस्तक्षेप करे।
हड़ताल की वजह क्या है?
दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा का कहना है कि ऐप आधारित कैब सेवा से ऑटो-टैक्सी चालकों को नुकसान हो रहा है और कैब चालकों से ऐप कंपनियां मोटा कमीशन वसूल रही हैं। किशन वर्मा का दावा है कि परिवहन विभाग व यातायात पुलिस की मिलीभगत से अवैध रूप से चलने वाले बाइक टैक्सी और ई-रिक्शा से भी टैक्सी ड्राइवर्स का रोजगार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
आम जनता के लिए मुश्किलें
हड़ताल से दैनिक आवागमन में बड़ी बाधा उत्पन्न होने की उम्मीद है, साथ ही निवासियों को दो दिनों की अवधि के दौरान परिवहन खोजने में संभावित कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। सबसे बड़ी परेशानी ऑफिस जाने वालों, रेलवे स्टेशनों व एयरपोर्ट जाने वालों को होने वाली है।

