शिमला में एशिया के सबसे बड़े ‘आइस-स्केटिंग रिंक’ को पर्यटकों का इंतजार

डीएन ब्यूरो

शिमला स्थित प्रमुख पर्यटक आकर्षण एवं एशिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक ‘आइस-स्केटिंग रिंक’ पर्यटकों की राह देख रहा है क्योंकि निर्माण सामग्री और झुग्गियों से घिरे रहने के कारण यह लोगों का ध्यान आकर्षित नहीं कर पा रहा है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

शिमला आइस-स्केटिंग रिंक
शिमला आइस-स्केटिंग रिंक


शिमला: शिमला स्थित प्रमुख पर्यटक आकर्षण एवं एशिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक ‘आइस-स्केटिंग रिंक’ पर्यटकों की राह देख रहा है क्योंकि निर्माण सामग्री और झुग्गियों से घिरे रहने के कारण यह लोगों का ध्यान आकर्षित नहीं कर पा रहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार एक स्केटर ने बताया कि अतीत में कई बॉलीवुड फिल्मों में दिखाया गया यह आइस-स्केटिंग रिंक ‘‘उपेक्षा और अस्थिर विकास की कहानी’’ बयां करता है, क्योंकि इसके आसपास निर्माण गतिविधियों और ग्लोबल वार्मिंग ने स्केटिंग सत्र दिवसों पर अपना प्रभाव डाला है, जो हर सर्दी में 100-120 सत्र से घटकर 30-50 सत्र तक रह गए हैं।

उन्होंने बताया कि यह आइस-स्केटिंग रिंक कई बॉलीवुड फिल्मों में नजर आया है और कई शीर्ष गणमान्य व्यक्तियों ने इसका दौरा किया है, लेकिन अब यह ‘‘अस्थिर विकास और पूर्ण उपेक्षा’’ की तस्वीर पेश करता है।

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‘शिमला होटल एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन’ के अध्यक्ष एम.के. सेठ ने आरोप लगाया, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार प्राकृतिक स्केटिंग रिंक को बहाल करने या निवासियों के साथ-साथ पर्यटकों के लिए सभी मौसम के लिए इनडोर रिंक बनाने के बजाय इसे खत्म करने पर तुली हुई है।’’

मौसम विभाग द्वारा बर्फबारी की भविष्यवाणी के बावजूद, इस साल शिमला में नए साल पर औसतन 60 प्रतिशत कम पर्यटक आए, जो पिछले चार दशकों में सबसे कम संख्या रही।

सेठ ने शनिवार कोकहा कि अब समय आ गया है कि सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने का कोई तरीका ढूंढे और आइस-स्केटिंग रिंक को बहाल करना उन पहल में से एक है, जिसे प्राथमिकता के आधार पर लिया जाना चाहिए।

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एक बुजुर्ग स्केटर गुरजोत ने कहा कि स्केटिंग रिंक के बाहर एक लिफ्ट बनाई जा रही है और खेल विभाग की जमीन पर निर्माण सामग्री डाल दी गई है। उन्होंने कहा कि निर्माण के कारण रिंक का आकार काफी छोटा हो गया है।

एक अन्य स्केटर पार्थ ने कहा कि इससे भी अधिक कष्टप्रद यह तथ्य है कि खेल विभाग की भूमि का उपयोग गंदगी, मलबे और निर्माण सामग्री को डालने के लिए किया जा रहा है।










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