Site icon Hindi Dynamite News

छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ, शरद पवार ने ही ये खास बात

राकांपा के प्रमुख शरद पवार मंगलवार को छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ के जश्न के रूप में मंगलवार को आयोजित ‘शिवराज्याभिषेक’ समारोह में शामिल हुए और कहा कि मराठा शासक सत्ता का पूरी जिम्मेदारी से इस्तेमाल करने की मिसाल हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ, शरद पवार ने ही ये खास बात

पुणे:  राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार मंगलवार को छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ के जश्न के रूप में मंगलवार को आयोजित ‘शिवराज्याभिषेक’ समारोह में शामिल हुए और कहा कि मराठा शासक सत्ता का पूरी जिम्मेदारी से इस्तेमाल करने की मिसाल हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पवार ने पुणे के लाल महल में 17वीं सदी के राजा की प्रतिमा पर ‘जलाभिषेक’ करने और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि शिवाजी महाराज लोगों के दिलों में रहते हैं।

पवार ने महाराष्ट्र तथा देश के लिए इस दिन के महत्व का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा, ‘‘इस देश में कई राजाओं ने राज किया लेकिन 350 साल बाद भी अगर आप किसी से ऐसे राजा के बारे में पूछते हैं जो आम लोगों के दिलों में रहता है तो केवल एक नाम सामने आता है और वह है छत्रपति शिवाजी महाराज।’’

उन्होंने कहा कि देवगिरी के यादवों, दिल्ली के मुगलों और आदिल शाह जैसे कई राजाओं ने देश पर राज किया लेकिन उनके शासनकाल को उनके ‘घरानों’ से पहचाना जाता है।

राकांपा नेता ने कहा कि लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज के शासन को ‘रयतेचा राज्य’’ (जनता के राज) या ‘‘हिंदवी स्वराज’’ के लिए जाना जाता है।

पवार ने ताकत का जिम्मेदारीपूर्वक इस्तेमाल करने और लोगों के हितों की सेवा करने की मिसाल पेश करने के लिए शिवाजी महाराज की प्रशंसा की।

उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक (350 साल पहले) एक ऐतिहासिक घटना थी, इसके बावजूद कुछ वर्गों ने इसे अलग तरीके से देखने की कोशिश की।

उन्होंने कहा कि आम लोगों ने अपने राजा के रूप में शिवाजी महाराज का तहे दिल से स्वागत किया था।

ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, मराठा योद्धा का रायगढ़ किले में छह जून 1674 को राज्याभिषेक किया गया था जहां उन्होंने ‘‘हिंदवी स्वराज’’ या हिंदुओं के स्व-शासन की नींव रखी थी।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, उनके राज्याभिषेक की वर्षगांठ इस साल दो जून को थी।

Exit mobile version