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दिल्ली का जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम होगा ध्वस्त! ये है खेल मंत्रालय की बड़ी प्लानिंग

दिल्ली में एक बड़ा बदलाव होने वाला है, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को तोड़ने की प्लानिंग की जा रही है। खेल मंत्रालय इस जगह को अब एक नई और आधुनिक मॉडल के लिए तैयार कर रहा है। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर का खेल बुनियादी ढांचा विकसित करना है।
Post Published By: Subhash Raturi
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दिल्ली का जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम होगा ध्वस्त! ये है खेल मंत्रालय की बड़ी प्लानिंग

New Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक बड़ा खेल बुनियादी ढांचा प्रोजेक्ट शुरू होने जा रहा है। खेल मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को पूरी तरह ध्वस्त करके उसकी जगह एक अत्याधुनिक “स्पोर्ट्स सिटी” बनाई जाएगी।

यह परियोजना लगभग 102 एकड़ में फैली होगी और इसमें अंतरराष्ट्रीय मानकों की सुविधाएं शामिल की जाएंगी। इसका उद्देश्य भारत में विश्वस्तरीय खेल केंद्र का निर्माण करना है, जो खिलाड़ियों के प्रशिक्षण, टूर्नामेंट और दर्शकों के अनुभव तीनों के लिहाज से बेहतरीन हो।

कतर और ऑस्ट्रेलिया के मॉडल पर होगा डिज़ाइन

सूत्रों के मुताबिक, इस परियोजना के लिए कतर और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के आधुनिक स्पोर्ट्स मॉडल्स का अध्ययन किया जा रहा है। खेल मंत्रालय की विशेषज्ञ टीम इन देशों के स्टेडियम और स्पोर्ट्स सिटी कॉन्सेप्ट का मूल्यांकन कर रही है ताकि दिल्ली में बनने वाला नया परिसर विश्वस्तरीय डिज़ाइन और तकनीक से लैस हो। उद्देश्य सिर्फ एक स्टेडियम बनाना नहीं, बल्कि एक एकीकृत खेल केंद्र तैयार करना है जहां एथलेटिक्स, फुटबॉल, तैराकी, इनडोर गेम्स और फिटनेस सुविधाएं एक साथ उपलब्ध हों।

जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम का गौरवशाली इतिहास

जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम का निर्माण 1982 के एशियाई खेलों के लिए किया गया था। इसके बाद 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान इसका बड़ा पुनर्निर्माण हुआ। लगभग 60,000 दर्शकों की क्षमता वाला यह स्टेडियम भारत के सबसे प्रतिष्ठित बहु-खेल स्थलों में से एक रहा है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताएं, फुटबॉल मैच, संगीत कार्यक्रम और स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजित होते रहे हैं। चार दशकों से यह भारतीय एथलेटिक्स का मुख्य केंद्र रहा है।

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आधुनिक सुविधाओं से लेस

इस साल की शुरुआत में जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन हुआ था। इसके लिए 30 करोड़ रुपये की लागत से एक नया मोंडो ट्रैक बिछाया गया था, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है। यह दर्शाता है कि स्टेडियम अभी भी खेल आयोजनों के लिए उपयुक्त है, लेकिन मंत्रालय का मानना है कि अब समय आ गया है कि इसे पूरी तरह से आधुनिक रूप में ढाला जाए।

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दिल्ली को मिलेगा विश्वस्तरीय खेल केंद्र

स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट के पूरा होने पर दिल्ली को एक ऐसा विश्वस्तरीय खेल केंद्र मिलेगा, जो न केवल भारत बल्कि पूरे एशिया के प्रमुख खेल स्थलों में गिना जाएगा। इसमें अत्याधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएं, खेल विज्ञान केंद्र, आधुनिक ट्रैक और दर्शकों के लिए डिजिटल अनुभव शामिल होंगे। यह परियोजना भारतीय खेलों के बुनियादी ढांचे को नई दिशा दे सकती है और भविष्य में भारत को ओलंपिक जैसी बड़ी प्रतियोगिताओं की मेज़बानी के लिए तैयार करेगी।

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