Bihar: मंगलवार को कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान एक पुलिसकर्मी को वाहन टक्कर मारने से अफरा-तफरी मच गई। यह घटना तब हुई जब राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को लेकर जा रहा वाहन एक पुलिसकर्मी से टकरा गया। हालांकि, पुलिसकर्मी को कोई गंभीर चोट नहीं आई, और राहुल गांधी ने मौके पर आकर उनकी हालत जाना। यह घटना नवादा जिले में हुई, जब राहुल गांधी अपने समर्थकों और झारखंड प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के साथ बिहार पहुंचे थे।
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की ‘वोटर अधिकार यात्रा’
राहुल गांधी इन दिनों बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ पर हैं, जिसमें वे विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं। इस यात्रा का मकसद चुनावी धोखाधड़ी और वोटर लिस्ट से नाम हटाने जैसे मामलों पर सवाल उठाना है। उनका आरोप है कि लाखों वोटरों के नाम बिना वजह हटाए गए हैं, जिससे चुनाव आयोग और बीजेपी पर वोटिंग प्रक्रिया को प्रभावित करने का आरोप लगता है। मंगलवार को यह यात्रा गया से नवादा तक गई। जिसमें कई बड़े नेता और पार्टी कार्यकर्ता शामिल थे। झारखंड के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो, पूर्व अध्यक्ष राजेश ठाकुर, मंत्री दीपिका पांडे सिंह और अन्य विधायक भी मौजूद थे।
टक्कर का मामला और अफरा-तफरी
टक्कर तब हुई जब काफिला नवादा के रैली स्थल पर पहुंचा। कई गाड़ियों के बीच एक वाहन ने सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी को टक्कर मार दी। पुलिसकर्मी को गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन थोड़ी देर के लिए अफरा-तफरी मच गई। अन्य सुरक्षाकर्मियों ने घायल पुलिसकर्मी को तुरंत बाहर निकाला और प्राथमिक उपचार दिया। राहुल गांधी ने तुरंत वाहन रोका और पुलिसकर्मी का हालचाल पूछा। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि पुलिसकर्मी को जल्द से जल्द बेहतर इलाज मिले। राहुल गांधी की यह संवेदनशील प्रतिक्रिया लोगों को राहत देने वाली थी और स्थिति को संभालने में मदद की।
झारखंड के नेताओं की भागीदारी
इस घटना के बाद यात्रा की सुरक्षा और आयोजन पर चर्चा तेज हो गई। झारखंड के कई विधायक भी यात्रा में शामिल थे, जो कांग्रेस के लिए बिहार में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम है। राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा का मकसद मतदाताओं के अधिकार सुरक्षित करना और चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है। तेजस्वी यादव और राहुल गांधी ने मिलकर चुनावी धोखाधड़ी के खिलाफ आवाज उठाई और दावा किया कि वोटर लिस्ट से जानबूझकर नाम हटाए गए हैं, जिससे लोकतंत्र को नुकसान हो रहा है। यह यात्रा बिहार की राजनीति में खासकर आगामी विधानसभा चुनावों से पहले काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।