Saharanpur: समाजवादी पार्टी की कैराना सांसद इकरा हसन बुधवार को सहारनपुर के छापुर गांव पहुंचीं। यहां उन्होंने शिव मंदिर खंडित किए जाने की घटना पर गहरा दुख जताया। सांसद ने कहा कि किसी भी धर्मस्थल को नुकसान पहुंचाना बेहद निंदनीय है, ऐसी घटनाएं समाज को तोड़ती हैं, जोड़ती नहीं। उन्होंने कहा- “मंदिर को तोड़ने जैसी घटना बर्दाश्त के काबिल नहीं है।”
पूर्व सांसद प्रदीप कुमार पर निशाना साधा
इकरा हसन ने बिना नाम लिए भाजपा के पूर्व सांसद प्रदीप कुमार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आजकल कुछ लोग नफरत की राजनीति कर रहे हैं और समाज को आपसी वैमनस्य की आग में झोंकना चाहते हैं। सांसद ने बताया कि भाजपा के एक पूर्व सांसद के समर्थक ने सोशल मीडिया पर उन्हें ‘आतंकवादी’ और ‘मुल्ली’ कहा। इस तरह की टिप्पणियां सिर्फ उनका नहीं, बल्कि पूरे समाज की महिलाओं का अपमान हैं।
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“जो समाज को तोड़ेंगे, उन्हें मैं कभी नहीं छोड़ूंगी”
सांसद बोलीं कि सरकार एक तरफ बहनों-बेटियों को सम्मान देने की बात करती है, दूसरी तरफ उन्हीं बेटियों को गालियां दी जाती हैं। यह दोहरा चरित्र अब नहीं चलेगा। मैं दबकर राजनीति नहीं करूंगी, जो समाज को तोड़ेंगे, उन्हें मैं कभी नहीं छोड़ूंगी।
क्या था मामला, क्यों भड़की इकरा हसन?
दरअसल, 3 अक्टूबर को गंगोह क्षेत्र के छापुर गांव में शिव मंदिर तोड़ने की घटना हुई थी। इसके विरोध में हिंदू सुरक्षा सेवा संघ के जिलाध्यक्ष रोहित प्रधान ने संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ बाइक रैली निकाली थी। इस दौरान उन्होंने इकरा हसन के खिलाफ नारेबाजी और अभद्र टिप्पणी की। इस पूरे घटनाक्रम का फेसबुक पर लाइव प्रसारण किया गया। बाद में पुलिस ने रोहित प्रधान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया, लेकिन उसी रात उसे रिहा भी कर दिया गया।
“मेरा नहीं, समाज की महिलाओं का अपमान”
गांव पहुंचकर सांसद ने ग्रामीणों से मुलाकात की और कहा कि उन्होंने कभी किसी आरोपी का समर्थन नहीं किया और न ही किसी को बचाने के लिए कोई फोन किया। “जो लोग समाज को तोड़ रहे हैं, वे खुद को महापुरुष कहलवा रहे हैं, जबकि असली महापुरुष तो बाबू हुकुम सिंह जैसे लोग थे, जिन्होंने समाज को जोड़ा।”
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“यह सिर्फ मेरा नहीं बल्कि इस क्षेत्र की हर महिला का अपमान है”
इकरा हसन ने कहा कि विरोध करना हर किसी का अधिकार है, लेकिन विरोध के दौरान धर्म, बिरादरी या महिलाओं के खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग निंदनीय है। “जब मैं चुनाव जीती थी, तब हर धर्म और हर जाति के लोगों ने मुझे अपनी बेटी और बहन मानकर वोट दिया था। आज मुझे गालियां दी जा रही हैं, यह सिर्फ मेरा नहीं बल्कि इस क्षेत्र की हर महिला का अपमान है।”
“क्या मैं आपके समाज की बेटी नहीं हूं?”
सांसद ने कहा कि उन्होंने कभी धर्म या बिरादरी के आधार पर राजनीति नहीं की, हमेशा सबको साथ लेकर चलने की कोशिश की है। “अगर किसी को मेरा काम पसंद नहीं है तो पांच साल बाद मुझे बदल सकते हैं, लेकिन गालियां देना किसी भी समाज के लिए शोभा नहीं देता। क्या मैं आपके समाज की बेटी नहीं हूं?” उन्होंने सवाल किया।
“मैं राजनीति नहीं, समाज की बात करने आई हूं”
इकरा हसन ने कहा कि उन्हें प्रशासन की ओर से छापुर न जाने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह उनका क्षेत्र है। “मैं राजनीति की नहीं, समाज की बात करने आई हूं।” उन्होंने भाजपा समर्थक कोमल गुर्जर पर की गई अभद्र टिप्पणी की भी निंदा की।
“नफरत फैलाना कभी स्वीकार्य नहीं”
सांसद ने बताया कि उनके खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणियों के मामले में एसएसपी ने खुद उन्हें फोन कर तहरीर मांगी है। उन्होंने कहा, “मेरा धर्म, मेरा समाज और मेरी जिम्मेदारी मुझे साथ लेकर चलना सिखाते हैं। राजनीति में असहमति हो सकती है, लेकिन नफरत फैलाना कभी स्वीकार्य नहीं।”