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मैनपुरी की सांसद डिंपल यादव पर टिप्पणी करना पड़ा भारी, लाइव प्रोग्राम में हुई जमकर पिटाई

टीवी स्टूडियो के अंदर एक चर्चा चल रही थी, लेकिन अचानक कुछ ऐसा हुआ जिसने सभी को हैरान कर दिया। कैमरे के सामने जो कुछ रिकॉर्ड हुआ, वो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया। सवाल ये नहीं कि किसने किया, असली सवाल है — क्यों और कैसे सब होने दिया गया?
Post Published By: Poonam Rajput
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मैनपुरी की सांसद डिंपल यादव पर टिप्पणी करना पड़ा भारी, लाइव प्रोग्राम में हुई जमकर पिटाई

Noida: उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर एक वीडियो के ज़रिए गरमा गई है। मैनपुरी से सांसद और समाजवादी पार्टी की नेता डिंपल यादव पर विवादित टिप्पणी करने वाले मौलाना साजिद रशीद के साथ नोएडा स्थित एक टीवी स्टूडियो में जो कुछ हुआ, उसने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, और इसकी चर्चाएं अब सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रहीं।

क्या है पूरा मामला?

सूत्रों के अनुसार, वीडियो में दिखाया जाता है कि, मौलाना स्टूडियो के सेट पर खड़े होते हैं और कुछ ही पलों में कुछ युवक उनकी ओर बढ़ते हैं। बिना कोई बहस या वार्तालाप के, उन पर एक के बाद एक थप्पड़ बरसने लगते हैं। कुछ सेकंड्स में ही माहौल तनावपूर्ण हो जाता है और कैमरे के सामने मौलाना की पिटाई होती नजर आती है। जानकारी के मुताबिक, यह घटना सजीव प्रसारण (live recording) के तुरंत बाद की है। आरोप है कि जिन युवकों ने मौलाना पर हमला किया।

मैनपुरी सांसद डिंपल यादव और अभद्र टिप्पणी करने वाला मौलाना दाए तरफ (सोर्स इंटरनेट)

हमलावरों का कहना है कि वे अपनी पार्टी और नेता डिंपल यादव का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर सकते। उनका यह भी दावा है कि मौलाना साजिद रशीद ने डिंपल यादव के खिलाफ अपमानजनक बयान दिया था, जो न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक रूप से भी अस्वीकार्य है। उनका मानना है कि यह “कार्यकर्ता धर्म” था, जो उन्हें अपनी नेता की प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए कार्रवाई के रूप में दिखाना पड़ा।

इस पूरी घटना के बाद सोशल मीडिया पर दो धड़े बन चुके हैं। एक पक्ष इसे लोकतांत्रिक मूल्यों और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला मान रहा है, जबकि दूसरा पक्ष इसे “भावनात्मक प्रतिक्रिया” बता रहा है। हैरानी की बात यह भी है कि यह सब एक न्यूज चैनल के स्टूडियो में हुआ, जहां अनुशासन और सुरक्षा के पर्याप्त इंतज़ाम होने चाहिए थे।

हालांकि अब तक न तो मौलाना साजिद रशीद की तरफ से कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई गई है और न ही समाजवादी पार्टी की ओर से कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया सामने आई है। पुलिस या प्रशासन की तरफ से भी अभी तक कोई औपचारिक बयान नहीं दिया गया है।

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