Bihar News: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने कई प्रमुख नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव किया है। सरकार ने कुल 6 नेताओं की सुरक्षा श्रेणी को अपग्रेड किया है, जिसमें प्रदेश के उपमुख्यमंत्री से लेकर विपक्ष के नेता तक शामिल हैं। इस कदम को न सिर्फ एहतियात के तौर पर बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम माना जा रहा है।
सम्राट चौधरी को अब Z प्लस के साथ एस्कॉर्ट सिक्योरिटी
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को पहले से ही Z प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त थी। अब उन्हें सुरक्षा में एक अतिरिक्त परत यानी एस्कॉर्ट सिक्योरिटी लेयर (ASL) भी मुहैया कराई जाएगी। इससे उनकी सुरक्षा पहले से ज्यादा कड़ी और मजबूत हो गई है। ASL सुरक्षा उस स्थिति में दी जाती है जब किसी नेता की आवाजाही ज्यादा होती है और संभावित खतरे का आकलन बढ़ जाता है।
तेजस्वी यादव की सुरक्षा Y प्लस से Z श्रेणी में अपग्रेड
राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, जो राज्य में विपक्ष का बड़ा चेहरा हैं, उनकी सुरक्षा को भी बढ़ाया गया है। उन्हें पहले Y प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त थी, जिसे अब बढ़ाकर Z श्रेणी कर दिया गया है। Z श्रेणी सुरक्षा का मतलब होता है कि अब तेजस्वी यादव के साथ सशस्त्र सुरक्षा कर्मियों की बड़ी टीम, पीएसओ (पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर) और परिवहन एस्कॉर्ट उपलब्ध रहेगा।
पप्पू यादव को Y प्लस सुरक्षा
पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव को भी Y प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी। पप्पू यादव लंबे समय से सामाजिक मुद्दों और जनहित से जुड़े मामलों को उठाते रहे हैं और कई बार उनकी जान को खतरे की आशंका जताई गई है। इसलिए सरकार ने उनकी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है।
इन नेताओं की भी सुरक्षा में इजाफा
तीन और नेताओं की सुरक्षा को भी अपग्रेड किया गया है। जिसमें जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार, भाजपा के विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू और प्रदीप कुमार सिंह भाजपा नेता का नाम शामिल है। इन नेताओं को भी संभावित चुनावी रैलियों, प्रचार अभियानों और जनसभाओं के दौरान सुरक्षा जोखिम को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराई गई है।
राजनीतिक और सुरक्षा कारणों से लिया गया फैसला
राज्य सरकार का यह फैसला आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र लिया गया है। चुनावी माहौल में नेताओं की सक्रियता और यात्राएं बढ़ जाती हैं, जिससे सुरक्षा जोखिम भी बढ़ जाते हैं। इसके अलावा, राजनीतिक माहौल में संभावित तनाव, विरोध प्रदर्शन या हमलों की आशंका को भी नकारा नहीं जा सकता। ऐसे में यह निर्णय सरकार की एक सतर्क रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
सुरक्षा श्रेणियों का क्या मतलब होता है?
• Z+ श्रेणी: सबसे उच्च स्तर की सुरक्षा, जिसमें NSG कमांडो भी तैनात रहते हैं।
• Z श्रेणी: करीब 20-22 सुरक्षाकर्मी, जिनमें सशस्त्र गार्ड शामिल होते हैं।
• Y+ श्रेणी: 8 से 11 सुरक्षाकर्मी, जिनमें PSO शामिल होते हैं।
• Y श्रेणी: 4 से 6 सुरक्षाकर्मी।

