Greater Noida: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले के ग्रेटर नोएडा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कासना कोतवाली के सिरसा गांव में दहेज की मांग को लेकर एक विवाहिता की बेरहमी से हत्या कर दी गई। ससुराल वालों ने उसे बुरी तरह पीटा और फिर उस पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर जिंदा जला दिया। गंभीर रूप से झुलसने के बाद, महिला की बहन ने पड़ोसियों की मदद से उसे अस्पताल पहुंचाया, लेकिन दो अस्पतालों में इलाज के बावजूद, महिला ने दम तोड़ दिया। इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद, मृतका की बहन और परिवार ने ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
यह है मृतक निक्की की पूरी दर्दनाक कहानी
भिकारी सिंह, जो दादरी थाना इलाके के रूपबास गांव के निवासी हैं, ने बताया कि उनकी बेटियों कंचन (29) और निक्की (27) की शादी दिसंबर 2016 में सिरसा गांव के रोहित और उसके भाई विपिन के साथ हिंदू रीति-रिवाज से हुई थी। शादी में स्कॉर्पियो गाड़ी और अन्य सभी सामान दिया गया था, लेकिन शादी के बाद से ही ससुराल वाले 35 लाख रुपये की मांग करने लगे।
शादी के बाद से ही पति विपिन भाटी, जेठ रोहित भाटी, सास दया और ससुर सत्यवीर लगातार 35 लाख रुपये का अतिरिक्त दहेज मांग रहे थे। पीड़ित परिवार ने उनकी मांगों को पूरा करने के लिए एक और कार भी दे दी, लेकिन फिर भी प्रताड़ना का सिलसिला थमा नहीं। दोनों बहनों के साथ ससुराल के लोग मारपीट करते थे। कई बार पंचायत में समझौता करने की कोशिश की गई, लेकिन आरोपियों ने कभी भी समझौते का सम्मान नहीं किया।
विपिन ने निक्की पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी। मृतका निक्की की बड़ी बहन कंचन का कहना है कि बृहस्पतिवार की शाम लगभग 5:30 बजे उसकी सास दया और देवर विपिन ने मिलकर यह भयानक घटना की। कंचन का आरोप है कि दया ने खुद ज्वलनशील पदार्थ उठाया और विपिन को दिया, जिसने उसे निक्की पर डाल दिया। इसके साथ ही, उसने निक्की के गले पर भी हमला किया।
कंचन ने एक वीडियो बनाया जिसमें मारपीट और आग लगाने की घटना कैद हुई। उसे बर्बरता से पीटा गया, जिसके बाद उसकी बहन बेहोश हो गई। आरोपियों ने उसे जिंदा जला दिया। कंचन ने अपनी बहन को बचाने की कोशिश की, लेकिन आरोपियों ने उसकी एक भी नहीं सुनी। जब कंचन ने इसका विरोध किया, तो उसके साथ भी मारपीट की गई। इसी दौरान, उसने आरोपियों का वीडियो बना लिया, जिसमें मारपीट और आग लगाने की पूरी घटना दर्ज है।
Greater Noida Nikki Murder: दहेज की आग में कब तक जलती रहेंगी बेटियां, कहां सोया है कानून और समाज?