New Delhi: हिंदू धर्म में भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन एक अत्यंत पावन पर्व है, जो हर साल सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र (राखी) बांधती हैं और उनसे जीवनभर रक्षा का वचन प्राप्त करती हैं। भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनके स्नेह का आदर करते हैं। लेकिन इस वर्ष रक्षाबंधन 2025 की तारीख को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि पंचांग के अनुसार इस दिन भद्रा काल का प्रभाव रहेगा, जो कि किसी भी शुभ कार्य के लिए अशुभ माना जाता है।
रक्षाबंधन 2025: सही तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे से होगी और यह समाप्त 9 अगस्त को दोपहर 1:21 बजे पर होगी। लेकिन, 8 अगस्त की दोपहर 2:12 बजे से लेकर 9 अगस्त की सुबह 1:52 बजे तक भद्रा काल रहेगा, जो कि रक्षाबंधन के लिए अनुपयुक्त समय माना गया है। अतः उदया तिथि और शुभ मुहूर्त के अनुसार रक्षाबंधन 9 अगस्त (शनिवार) को मनाया जाएगा।
शुभ मुहूर्त: सुबह 5:35 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक राखी बांधने का उत्तम समय रहेगा। इस दौरान बहनें अपने भाइयों को राखी बांधकर उनके मंगल की कामना कर सकती हैं। यह समय न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से शुभ है, बल्कि भद्रा काल से मुक्त होने के कारण हर प्रकार के दोषों से भी मुक्त है।
राखी की थाली में रखें ये ज़रूरी चीजें
रक्षाबंधन के दिन पूजा की थाली तैयार करना एक पवित्र परंपरा है। इस थाली में निम्नलिखित वस्तुओं का होना अनिवार्य माना गया है:
-
कुमकुम: यह दीर्घायु और समृद्धि का प्रतीक है।
-
अक्षत (चावल): शुभता और संकल्प का प्रतीक। अक्षत के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
-
दीपक: सकारात्मक ऊर्जा और प्रकाश का प्रतीक। आरती के लिए अनिवार्य।
-
मिठाई: प्रेम और मधुरता बढ़ाने के लिए। पूजा के बाद भाई को मिठाई खिलाई जाती है।
-
राखी और रेशम का धागा: रक्षा और आशीर्वाद का सबसे मुख्य प्रतीक।
IND vs ENG: मैनचेस्टर में संकटमोचक बने सर जडेजा, टीम इंडिया की लाज बचाते हुए रच दिया इतिहास