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शिव मंदिर इटहिया मेले में मौत के कुएं में बड़ा हादसा, स्टंट करते समय बाइक सवार गिरा, घंटों बेकाबू घूमती रही बाइक, मचा हड़कंप

मेला था खुशियों का, लेकिन एक पल ने सब कुछ बदल दिया। "मौत के कुएं" में हुआ ऐसा हादसा कि डर और सन्नाटा छा गया। बाइक बिना सवार के घुमती रही, लोग भागे, और सुरक्षा व्यवस्था थी जीरो। क्या मेले की ये वजह बनेगी किसी बड़े हादसे की कहानी?
Post Published By: Poonam Rajput
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शिव मंदिर इटहिया मेले में मौत के कुएं में बड़ा हादसा, स्टंट करते समय बाइक सवार गिरा, घंटों बेकाबू घूमती रही बाइक, मचा हड़कंप

Maharajganj: जनपद के ठूठीबारी थाना क्षेत्र अंतर्गत इटहिया पंचमुखी महादेव मंदिर परिसर में आयोजित एक मेले ने अचानक सनसनी मचा दी जब “मौत के कुएं” में बाइक स्टंट के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। इस खतरनाक स्टंट के दौरान बाइक सवार अचानक संतुलन खो बैठा और सीधे कुएं की ढलान पर गिर पड़ा। घटना के बाद जो दृश्य सामने आया, उसने उपस्थित दर्शकों की सांसें रोक दी।

डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, बाइक बिना चालक के करीब एक घंटे तक कुएं के अंदर बेकाबू होकर घूमती रही। इस दौरान दर्शकों में अफरा-तफरी मच गई। कई लोग डर के मारे वहां से भाग खड़े हुए, तो कई महिलाएं और बच्चे घबराकर रोने लगे। कई प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यदि बाइक कुएं की दीवार तोड़कर बाहर गिरती या सीधे दर्शकों के बीच आ जाती तो बड़ा हादसा हो सकता था।

स्थानीय लोगों ने इस पूरे मामले में स्टंटमैन की लापरवाही के साथ-साथ नशे में होने की आशंका भी जताई। उनका कहना है कि बाइक सवार स्टंट करते समय नशे में था, जो इस खतरनाक खेल को और भी जोखिम भरा बना देता है। अक्सर इस तरह के मेलों में स्टंट करने वाले युवक शराब या नशे की हालत में रहते हैं, जिससे दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है।

सबसे चिंता की बात यह रही कि मेले के आयोजकों ने हादसे के बाद कोई भी सुरक्षा या प्राथमिक चिकित्सा व्यवस्था का इंतजाम नहीं किया। घायल स्टंटमैन को स्थानीय लोगों ने अस्पताल पहुंचाया क्योंकि मेले में चिकित्सा सुविधा या सुरक्षा प्रबंध मौजूद नहीं थे। यह गंभीर लापरवाही का मामला है कि खतरनाक स्टंट के दौरान किसी भी आपात स्थिति के लिए कोई तैयारी नहीं थी।

आयोजकों की गैर जिम्मेदारी ने मेले की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों का मानना है कि “मौत के कुएं” जैसे जोखिम भरे स्टंट के लिए कड़े सुरक्षा नियम और आपातकालीन सुविधाएं अनिवार्य होनी चाहिएं। बिना इन व्यवस्थाओं के, ऐसी घटनाएं न केवल जोखिम बढ़ाती हैं, बल्कि बड़ी दुर्घटना की भी वजह बन सकती हैं।

यह घटना सिर्फ ठूठीबारी के इस मेले की ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की सुरक्षा और आयोजनों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है। जब तक आयोजक गंभीरता से सुरक्षा नियमों को नहीं अपनाते, तब तक इस तरह के खतरों का सामना करना आम होता रहेगा।

इस हादसे ने एक बार फिर चेताया है कि मनोरंजन के नाम पर जोखिम भरे स्टंट और असुरक्षित माहौल में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हो सकते हैं, जिसकी कीमत जानलेवा भी साबित हो सकती है।

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