नई दिल्ली: उधर भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर पर ताबड़तोड़ हमले हो रहे हैं। इधर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दिल्ली के साउथ ब्लॉक में हाई लेवल बैठक कर रहे हैं। रक्षा मंत्री देश के चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ (CDS) अनिल चौहान के साथ बैठक कर रहे हैं। इस बैठक में तीनों सेवा के प्रमुख मौजूद हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, बताया जा रहा है कि दोपहर तक राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में यह बैठक चलती रहेगी और एक बड़ा नतीजा सामने निकल कर आएगा। इस नतीजे का देश के 140 करोड़ लोगों को बेसब्री से इंतजार है। बताया जा रहा है कि बड़े हमले की तैयारी भारतीय सेना के द्वारा की जा रही है। इस बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी।
दिन निकलते ही 7 आतंकी ढेर
थोड़ी देर पहले भारत ने 7 आतंकवादियों को ढेर कर दिया है। शुक्रवार की सुबह जम्मू कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद के 7 आतंकवादियों को भारतीय सेना ने मार गिराया है। यह एक्शन बीएसएफ ने लिया है। यह हमला सांबा का है। लगातार पाकिस्तान के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन हो रहे है।
अब तक 80 से अधिक आतंकवादियों के मारे जाने की पुष्टि
बीबीसी उर्दू के अनुसार इस हमले में 80 आतंकवादी मारे गए। जिनमें मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य और चार शीर्ष सहयोगी भी शामिल हैं। यह जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर जैसे संगठनों के लिए करारा झटका है। मुजफ्फराबाद में जैश का सैयदना बिलाल कैंप पूरी तरह नष्ट कर दिया गया। यह वही कैंप था, जहां से आतंकवादियों को कश्मीर में घुसपैठ करवाई जाती थी और पहलगाम हमले की योजना तैयार की गई थी।
श-ए-मोहम्मद और हिजबुल के ट्रांजिट हब नष्ट
कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के मुजफ्फराबाद और कोटली जिलों में स्थित जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन के ट्रांजिट कैंप्स को भी सटीक हमलों में ध्वस्त किया गया। ये कैंप भारत में घुसपैठ और आतंकी हमलों के लिए आतंकवादियों को ट्रेनिंग देने और भेजने का कार्य करते थे। इन इलाकों में मौजूद सैयदना बिलाल कैंप को विशेष रूप से निशाना बनाया गया, जो जैश का प्रमुख टेरर हब था।
पाकिस्तान के ये आतंकी ठिकाने भी तबाह
खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक यहां से हाल ही में पहलगाम और राजौरी में हमलों की योजना बनाई गई थी। इन हमलों में पंजाब के बहावलपुर, सियालकोट, शेखपुरा, PoK के मुजफ्फराबाद, कोटली, भीमबर, बाग, गुलपुर और चक अमरू, मुरीदके शामिल ठिकाने हैं। हमलों में SCALP क्रूज मिसाइलें, हैमर स्मार्ट बम और उच्च तकनीक युक्त ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। थल, वायु और नौसेना की तीनों शाखाएं समन्वयित रूप से इस ऑपरेशन में शामिल थीं। लक्ष्य यह था कि आतंकवादी ढांचे को ध्वस्त किया जाए, लेकिन पाकिस्तानी सेना को टाल दिया जाए।

