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एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज होगा राजस्थान का रावण, ऊंचाई से रचा नया इतिहास, जानें कितनी है लम्बाई?

कोटा में दशहरे के मौके पर बना 221.5 फीट ऊंचा रावण का पुतला देश का अब तक का सबसे बड़ा पुतला है। यह पुतला रिकॉर्ड बनाएगा और इसकी बनावट, मजबूती और तकनीकी विशेषताएं इसे खास बनाती हैं। जानिए इस भव्य आयोजन की पूरी कहानी।
Post Published By: Mayank Tawer
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एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज होगा राजस्थान का रावण, ऊंचाई से रचा नया इतिहास, जानें कितनी है लम्बाई?

Rajasthan: नवरात्रि के पावन नौ दिनों के बाद पूरे देश में दशहरे की धूम है। इस वर्ष यह पर्व और भी खास बन गया है क्योंकि राजस्थान के कोटा शहर में देश का अब तक का सबसे ऊंचा रावण का पुतला तैयार किया गया है। यह पुतला 221.5 फीट ऊंचा है, जो अब तक दिल्ली में बने 210 फीट के रावण पुतले से भी बड़ा है। यह रावण एशिया और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज होने जा रहा है, जिससे कोटा का नाम एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगा।

4 महीने में बना यह रावण

इस ऐतिहासिक पुतले को बनाने में चार महीने का समय लगा और यह कार्य तेजेन्द्र चौहान और उनकी 25 सदस्यीय टीम द्वारा संपन्न किया गया। यह टीम हरियाणा के अंबाला से कोटा आई थी और दिन-रात मेहनत कर इस अद्भुत कृति को आकार दिया। रावण के साथ-साथ 60 फीट ऊंचे कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले भी बनाए गए हैं, जो इस आयोजन को और भव्य बनाते हैं।

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पुतले का वजन लगभग 13.5 टन

रावण के इस विशाल पुतले का वजन लगभग 13.5 टन है। इसमें 10.5 टन स्टील का उपयोग किया गया है, जो इसे मजबूती प्रदान करता है। पुतले की पोशाक को बेहद आकर्षक और चमकदार बनाने के लिए 4,000 मीटर मखमली कपड़ा लगाया गया है। रावण का चेहरा 25 फीट ऊंचा और 300 किलोग्राम वजनी है, जो फाइबर ग्लास से तैयार किया गया है। इसके ढांचे में बांस और लगभग 200 किलोग्राम रस्सी का इस्तेमाल किया गया है।

रिमोट कंट्रोल से होगा रावण दहन

इस पुतले को स्थापित करने के लिए एक विशेष 220 टन क्षमता वाली क्रेन इंदौर से मंगवाई गई है। सबसे खास बात यह है कि यह पुतला वाटरप्रूफ है। इसमें लगी आतिशबाजी भी इस प्रकार की है कि बारिश में भी बेहतरीन ढंग से फूटेगी। इसके अंदर रंग-बिरंगी लाइटिंग भी लगाई गई है, जिसे रिमोट कंट्रोल से संचालित किया जाएगा। पुतला जलते समय हलके कंपन के साथ हिलेगा भी, जिससे यह एक जीवंत अनुभव देगा।

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कोटा म्युनिसिपल कमिश्नर का बयान

कोटा म्युनिसिपल कमिश्नर अशोक त्यागी ने बताया कि यह आयोजन शहर के लिए गर्व का विषय है और इसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग एकत्रित होंगे। उन्होंने कहा कि यह पुतला केवल एक आकृति नहीं, बल्कि तकनीक, कला और सांस्कृतिक समर्पण का प्रतीक है।

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