

गणतंत्र दिवस 2025 की पूर्व संध्या पर भारत सरकार ने 139 पद्म पुरस्कारों की घोषणा की है। इन पुरस्कारों में पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री शामिल हैं। ये सम्मान कला, समाज सेवा, विज्ञान, शिक्षा, चिकित्सा, खेल, साहित्य सहित कई क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान के लिए प्रदान किए जाते हैं।
पद्म पुरस्कार 2025 (सोर्स-गूगल)
New Delhi: भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस 2025 की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। इस वर्ष 139 हस्तियों को पद्म सम्मान से नवाजा जाएगा। सूची में 7 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं। सम्मान पाने वालों में 23 महिलाएं, 10 विदेशी नागरिक और 13 मरणोपरांत पुरस्कार विजेता भी शामिल हैं।
क्या हैं पद्म पुरस्कार?
पद्म पुरस्कार भारत सरकार द्वारा प्रदत्त दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान हैं। इनकी शुरुआत साल 1954 में की गई थी। शुरुआत में "भारत रत्न" और "पद्म विभूषण" दो श्रेणियां थीं, लेकिन बाद में पद्म विभूषण को तीन भागों में विभाजित किया गया:
पद्म विभूषण: असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए
पद्म भूषण: उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए
पद्म श्री: किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए
इन पुरस्कारों का उद्देश्य उन व्यक्तियों और संगठनों को मान्यता देना है, जिन्होंने समाज और देश के लिए गंभीर, प्रेरणादायक और उत्कृष्ट योगदान दिया है।
कौन कर सकता है नामांकन?
ऑनलाइन नामांकन का पूरा प्रोसेस
पद्म विभूषण, पद्म भूषण, पद्म श्री (सोर्स-गूगल)
नामांकन की अंतिम तिथि कब है?
भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस 2026 के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू कर दी है। गृह मंत्रालय के अनुसार, नामांकन की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 तय की गई है।
कैसे होता है पद्म पुरस्कारों का चयन? जानिए पूरी प्रक्रिया
पद्म पुरस्कार भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक हैं, जिनका चयन पूरी तरह पारदर्शी और योग्यता आधारित प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। इन पुरस्कारों के लिए कोई भी व्यक्ति स्वयं को या किसी अन्य योग्य व्यक्ति को नामित कर सकता है। नामांकन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होती है और इसे भारत सरकार के आधिकारिक पोर्टल padmaawards.gov.in के माध्यम से किया जाता है। सांसद, विधायक, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, सरकारी संस्थाएं, एनजीओ, या आम नागरिक भी किसी की सिफारिश कर सकते हैं।
हर वर्ष प्रधानमंत्री द्वारा पद्म पुरस्कार समिति का गठन किया जाता है। इस समिति में कैबिनेट सचिव (जो इसके अध्यक्ष होते हैं), गृह सचिव, राष्ट्रपति सचिवालय के प्रतिनिधि और विभिन्न क्षेत्रों से चार से छह प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होते हैं। यह समिति प्राप्त नामांकनों की गहन समीक्षा करती है, जिसमें व्यक्ति के कार्य, समाज पर उसका प्रभाव, नवाचार, जनहित में योगदान और प्रेरक प्रभाव जैसे मानकों को ध्यान में रखा जाता है। केवल उन नामों की सिफारिश की जाती है, जिनका कार्य असाधारण और समाज के लिए उपयोगी माना गया हो।
चयनित नामों की सूची समिति द्वारा प्रधानमंत्री और फिर राष्ट्रपति को अनुमोदन के लिए भेजी जाती है, और अंतिम स्वीकृति राष्ट्रपति द्वारा दी जाती है। हर वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या, यानी 25 जनवरी को विजेताओं के नामों की घोषणा की जाती है। इसके बाद मार्च या अप्रैल में राष्ट्रपति भवन में एक भव्य समारोह आयोजित किया जाता है, जिसमें इन पुरस्कारों को प्रदान किया जाता है।
हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में पद्म पुरस्कारों की घोषणा नहीं की गई थी। जैसे कि वर्ष 1978, 1979 और 1993 से 1997 तक प्रशासनिक या राजनीतिक कारणों से पुरस्कार नहीं दिए गए। यह पूरी प्रक्रिया इस बात को सुनिश्चित करती है कि देश के सच्चे नायकों को सम्मानित किया जाए, भले ही वे प्रसिद्ध हों या गुमनाम।