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आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम: पुराने MiG, Mirage और Jaguar की जगह लेंगे नए तेजस लड़ाकू विमान, बढ़ेगी वायुसेना की ताकत

भारत सरकार ने हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 120 तेजस Mk2 लड़ाकू विमानों की डील की है, जो भारतीय वायुसेना की ताकत को नई ऊंचाई देगा। यह कदम न केवल सैन्य आधुनिकीकरण को गति देगा, बल्कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगा।
Post Published By: Asmita Patel
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आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम: पुराने MiG, Mirage और Jaguar की जगह लेंगे नए तेजस लड़ाकू विमान, बढ़ेगी वायुसेना की ताकत

New Delhi: भारतीय वायुसेना (IAF) को पुराने हो चुके MiG-29, Mirage-2000 और Jaguar जैसे फाइटर जेट्स की जगह अब स्वदेशी रूप से निर्मित तेजस Mk2 विमान मिलेंगे। इसके लिए HAL को 120 तेजस Mk2 फाइटर जेट्स की डील मिली है। HAL का कहना है कि वह हर साल 30 विमान भारतीय वायुसेना को सौंपेगा, जिससे समय पर डिलीवरी सुनिश्चित की जा सके। इस डील को भारत की सैन्य शक्ति के लिए गेमचेंजर माना जा रहा है, क्योंकि इससे न सिर्फ वायुसेना की ऑपरेशनल क्षमता बढ़ेगी, बल्कि विदेशी निर्भरता भी कम होगी।

MiG, Mirage और Jaguar को करेगा रिप्लेस

भारतीय वायुसेना अगले कुछ वर्षों में पुराने लड़ाकू विमानों को चरणबद्ध तरीके से रिटायर करने जा रही है। इनमें रूस निर्मित MiG-29, फ्रांसीसी Mirage-2000 और एंग्लो-फ्रेंच Jaguar शामिल हैं, जिनकी कुल संख्या करीब 230 है। इनकी जगह भरने के लिए तेजस Mk2 को फ्रंटलाइन फाइटर के रूप में शामिल किया जाएगा।

तेजस लड़ाकू विमान

क्या होगी तेजस Mk2 की खूबियां

तेजस Mk2 एक 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल मीडियम वेट फाइटर जेट है। यह तेजस Mk1A से अधिक शक्तिशाली और उन्नत है।
• जनरल इलेक्ट्रिक F414 इंजन से लैस, जो इसे अत्यधिक ताकतवर बनाता है
• स्वदेशी Uttam AESA रडार से लैस, जिससे टारगेट डिटेक्शन और ट्रैकिंग में उच्च क्षमता
• लंबी दूरी की अस्त्र मिसाइल, हवा से हवा में मार करने की भारतीय मिसाइल
• फ्यूचर रेडी डिज़ाइन, जो आने वाले 5वीं पीढ़ी के AMCA विमानों के साथ सामंजस्य बनाएगा

हर साल 30 तेजस Mk2 होंगे तैयार

HAL ने पहले ही तीन असेंबली लाइनें तैयार कर ली हैं, जिनके ज़रिए 2028 तक हर साल 30 तेजस Mk1A तैयार किए जाएंगे। तेजस Mk2 के लिए फिलहाल हर साल 24 विमानों के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, जिसे भविष्य में बढ़ाकर 30 किया जाएगा। इस तरह, 2036 तक पहले 120 विमान भारतीय वायुसेना को सौंपे जा सकेंगे। यदि IAF का अंतिम ऑर्डर 200 से ज्यादा का हुआ तो HAL अपनी उत्पादन क्षमता और विस्तार करेगा।

कहां बनेगा तेजस Mk2 का इंजन

HAL और अमेरिका की जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है, जिसके तहत GE F414 इंजन भारत में ही लाइसेंस्ड प्रोडक्शन के तहत बनाए जाएंगे। इससे भारत को रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी सफलता मिलेगी और विदेशी इंजनों पर निर्भरता घटेगी।

जानें कब होगी पहली उड़ान

HAL की रिपोर्ट के अनुसार तेजस Mk2 की पहली उड़ान 2027 में होने की संभावना है। इसके बाद सभी परीक्षण और मंजूरी पूरी होने पर इसका सीरियल प्रोडक्शन 2031 से शुरू किया जाएगा। यह योजना भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमताओं को नई दिशा देगी और भारत को अत्याधुनिक लड़ाकू विमान तकनीक में विश्व स्तर पर स्थापित करेगी।

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