New Delhi: पाकिस्तान में हर साल 14 अगस्त को आज़ादी का दिन बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन इस बार का आजादी दिवस मातम में तब्दील हो गया। गुरुवार की रात कराची में आज़ादी के जश्न के दौरान हुई फायरिंग ने कई घरों के चिराग बुझा दिए। पाकिस्तान के प्रमुख न्यूज़ चैनल ‘जियो न्यूज’ की रिपोर्ट के मुताबिक, कराची में अलग-अलग स्थानों पर हुई फायरिंग में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 60 से अधिक लोग घायल हो गए। मरने वालों में एक आठ साल की बच्ची और एक वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं।
फायरिंग के दौरान मारी गई मासूम बच्ची
यह दुखद घटना कराची के अजीजाबाद इलाके में घटी, जहाँ एक आठ साल की बच्ची आजादी के जश्न में अपने घर के पास गली में खेल रही थी। उसी समय अचानक हुई गोलीबारी में एक गोली बच्ची को जा लगी। स्थानीय लोगों ने बताया कि गोली लगने के बाद बच्ची ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इसी तरह कराची के कोरंगी इलाके में भी एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि लियाकताबाद और महमूदाबाद क्षेत्रों से भी फायरिंग की खबरें आई हैं।
अस्पतालों में मचा हड़कंप
फायरिंग में घायल हुए लोगों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। जिन अस्पतालों में घायलों को ले जाया गया उनमें सिविल हॉस्पिटल, जिन्ना हॉस्पिटल और अब्बासी शहीद हॉस्पिटल प्रमुख हैं। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, घायलों में कई की हालत गंभीर है और कुछ को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया है। कुछ को ऑपरेशन थिएटर में भी भेजा गया है।
पुलिस की कार्रवाई शुरू
कराची पुलिस ने फायरिंग की घटनाओं के बाद इलाके में सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनके पास से अवैध और आधुनिक हथियार भी बरामद किए गए हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मौके पर लोग अक्सर जश्न के नाम पर हवा में फायरिंग करते हैं, जो कि कानूनन अपराध है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे जश्न को शांतिपूर्ण ढंग से मनाएं और कानून को अपने हाथ में न लें।
कराची में पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब कराची में फायरिंग से जानें गई हैं। ARY न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ जनवरी 2024 में ही कराची में फायरिंग की घटनाओं में 42 लोगों की जान जा चुकी है। इन घटनाओं में 5 महिलाएं भी शामिल थीं। वहीं, 233 से अधिक लोग घायल हुए थे। अधिकतर मामले आपसी रंजिश, पारिवारिक झगड़े और आपराधिक गुटों की लड़ाई के कारण हुए थे। कराची में अवैध हथियारों का बढ़ता चलन और खुलेआम फायरिंग की प्रवृत्ति अब कानून व्यवस्था के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुकी है।
अवैध हथियारों की बढ़ती संख्या
पुलिस अधिकारियों और सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान में खासकर कराची जैसे बड़े शहरों में अवैध हथियारों की संख्या तेजी से बढ़ी है। लोग बिना लाइसेंस के हथियार रखते हैं और मौका मिलते ही उनका इस्तेमाल करने से नहीं हिचकते।आज़ादी के दिन जैसे अवसर पर लोग हवा में फायरिंग को “जश्न का हिस्सा” मानते हैं, लेकिन यह गैरकानूनी होने के साथ-साथ बेहद खतरनाक भी है। हर साल इस तरह की फायरिंग से सैकड़ों लोग घायल होते हैं, और कई की जान भी चली जाती है।