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हिमाचल में मानसून बना मौत का कारण, 75 की मौत और 700 करोड़ से अधिक का नुकसान, पढ़ें पूरी खबर

हिमाचल प्रदेश में बारिश और भूस्खलन ने हाहाकार मचाया हुआ है। जसके बाद राज्य में काफी ज्यादा तबाही हुई है। दरअसल अब तक राज्य को 700 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है।
Post Published By: Asmita Patel
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हिमाचल में मानसून बना मौत का कारण, 75 की मौत और 700 करोड़ से अधिक का नुकसान, पढ़ें पूरी खबर

Shimla News: हिमाचल प्रदेश में मानसूनी बारिश इस बार विनाश की नई इबारत लिख रही है। लगातार बारिश और भूस्खलन से पूरे राज्य में हाहाकार मचा हुआ है। अब तक 75 लोगों की मौत हो चुकी है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, जिनमें से 45 मौतें सीधे मौसम जनित आपदाओं से हुई हैं और 30 आकस्मिक घटनाओं, जैसे सड़क दुर्घटनाएं, बिजली का झटका और गैस विस्फोट के चलते हुई हैं।

सरकारी आंकड़ों से सामने आई भयावह तस्वीर

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने 20 जून से 4 जुलाई, 2025 तक के आंकड़े जारी किए हैं। इस अवधि में हुई मौसमी क्षति रिपोर्ट राज्य में तबाही की गंभीर स्थिति को उजागर करती है। रिपोर्ट के अनुसार 288 लोग घायल हुए हैं जबकि सैकड़ों घरों और सार्वजनिक संरचनाओं को भारी नुकसान पहुंचा है।

कुल नुकसान 700 करोड़ रुपये से अधिक

शिमला स्थित सचिवालय में मुख्यमंत्री द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, अब तक राज्य को 700 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। सबसे अधिक प्रभावित जिलों में शिमला, मंडी, कुल्लू, चंबा और कांगड़ा शामिल हैं। राज्य सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं।

भूस्खलन और सड़क हादसों ने ली जानें

बारिश से संबंधित 45 मौतों के अलावा 27 मौतें सड़क दुर्घटनाओं में हुईं। इनमें से चंबा जिले में 6 और कुल्लू में 3 मौतें सबसे अधिक दर्ज की गईं। बिजली का झटका, गैस विस्फोट जैसे अन्य हादसों ने मौतों की संख्या को बढ़ाकर 75 तक पहुंचा दिया है।

पशुधन और खेती को भी बड़ा नुकसान

प्राकृतिक आपदा ने सिर्फ इंसानी जान ही नहीं ली, बल्कि 10,168 पशु और पक्षी भी इसकी चपेट में आ गए हैं। इनमें 10,000 पोल्ट्री पक्षी और 168 मवेशी शामिल हैं। इसके अलावा हजारों हेक्टेयर कृषि और बागवानी भूमि को भी नुकसान पहुंचा है। जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर सीधा प्रभाव पड़ा है।

सरकार ने की अनुग्रह राशि की घोषणा

मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। इसके साथ ही सभी जिलों में आपदा राहत दल तैनात कर दिए गए हैं। स्वास्थ्य, बिजली, पेयजल और परिवहन सेवाओं की बहाली पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

भूस्खलन संभावित इलाकों में अलर्ट जारी

प्रशासन ने निचले और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अलर्ट पर रहने को कहा है। जिला प्रशासन लगातार परामर्श जारी कर रहा है और लोगों से आग्रह किया गया है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें।

अभी और बिगड़ सकता है हालात का ग्राफ

मौसम विभाग ने आगामी दिनों में भी भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। ऐसे में हालात और बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है। आपातकालीन सेवाएं हाई अलर्ट पर हैं और सरकार ने राहत शिविरों और अस्थायी आश्रय स्थलों की व्यवस्था पहले से कर ली है।

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