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Independence Day 2025: देशभर में सिर्फ यूपी के ग्राम प्रधानों को ही क्यों मिला स्वतंत्रता दिवस का न्यौता? जानिए वजह

स्वतंत्रता दिवस 2025 पर यूपी के 33 ग्राम प्रधानों को लाल किले पर आयोजित कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में बुलाया गया है। ये प्रधान ग्रामीण विकास, डिजिटल पंचायत और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में सराहनीय कार्य कर चुके हैं। यह पहल ग्रामीण भारत को मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
Post Published By: सौम्या सिंह
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Independence Day 2025: देशभर में सिर्फ यूपी के ग्राम प्रधानों को ही क्यों मिला स्वतंत्रता दिवस का न्यौता? जानिए वजह

New Delhi: भारत की आज़ादी का पर्व स्वतंत्रता दिवस पूरे देश में गर्व और सम्मान के साथ मनाया जाता है। हर साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री लाल किले से तिरंगा फहराते हैं और देशवासियों को संबोधित करते हैं। इस ऐतिहासिक मौके पर देशभर से चुनिंदा लोग आमंत्रित किए जाते हैं, जिन्होंने समाज और देश के लिए प्रेरणादायक काम किए हों। लेकिन इस बार एक खास पहल देखने को मिली है- उत्तर प्रदेश के 33 ग्राम प्रधानों को 15 अगस्त के समारोह में विशिष्ट अतिथि के तौर पर न्योता भेजा गया है।

यूपी के 33 ग्राम प्रधानों को क्यों मिला खास आमंत्रण?

इन ग्राम प्रधानों को इसलिए आमंत्रित किया गया है क्योंकि इन्होंने ग्रामीण विकास, स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण, डिजिटल पंचायत सचिवालय और जनभागीदारी जैसे क्षेत्रों में मिसाल कायम की है। इनका चयन प्रधानमंत्री ग्राम पंचायत प्रेरणा पुरस्कार और अन्य राज्य स्तरीय मान्यताओं के आधार पर किया गया है। इन ग्राम प्रधानों ने अपने क्षेत्रों में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को न सिर्फ सफलतापूर्वक लागू किया, बल्कि जन-भागीदारी से गांवों का कायाकल्प भी किया है।

15 अगस्त पर दिखेगा यूपी के ग्राम पंचायतों का जलवा

इस बार उत्तर प्रदेश को विशेष प्राथमिकता इसलिए दी गई है क्योंकि वहां पंचायत स्तर पर विकास कार्यों में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी में पंचायती राज को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में उल्लेखनीय काम हुआ है। ये 33 ग्राम प्रधान न केवल विकास के मॉडल बने हैं, बल्कि इन्होंने यह भी साबित किया है कि जब पंचायतें सशक्त होती हैं, तो गांव आत्मनिर्भर बनते हैं।

लाल किले पर ग्रामीण भारत की पहचान

लाल किले की ऐतिहासिक प्राचीर से इन ग्राम प्रधानों की मौजूदगी, न सिर्फ उनके प्रयासों को सम्मान देगी, बल्कि यह ग्रामीण भारत की बदलती तस्वीर को राष्ट्रीय पहचान भी देगी। यह पहल केंद्र सरकार की उस सोच को भी दर्शाती है जिसमें ‘सबका साथ, सबका विकास’ को जमीनी स्तर पर उतारने की कोशिश हो रही है।

प्रेरणास्रोत बनेंगे ये 33 ग्राम प्रधान

इन ग्राम प्रधानों का चयन इस बात का प्रमाण है कि देश अब ग्राम पंचायतों को केवल एक प्रशासनिक इकाई नहीं, बल्कि विकास के प्रमुख स्तंभ के रूप में देख रहा है। इनकी उपलब्धियां बाकी राज्यों और पंचायतों के लिए एक उदाहरण हैं। लाल किले से मिली ये मान्यता न केवल व्यक्तिगत सम्मान है, बल्कि यह पूरे यूपी और ग्रामीण भारत की सामूहिक सफलता की कहानी है।

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