घने कोहरे और कम विजिबिलिटी के कारण देशभर में उड़ानें प्रभावित हो रही हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सभी एयरलाइंस को यात्रियों की सुविधा, भोजन, रिफंड और सही जानकारी देने के नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं।

घने कोहरे और कम विजिबिलिटी (Img Source: Google)
New Delhi: देशभर में घने कोहरे और कम विजिबिलिटी के चलते हवाई यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। खासकर उत्तर भारत में सर्दियों के मौसम में हालात और ज्यादा गंभीर हो जाते हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सभी एयरलाइंस को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि खराब मौसम के दौरान यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा से किसी भी हाल में समझौता नहीं किया जाए।
बीते कुछ दिनों में कोहरे की वजह से सैकड़ों फ्लाइट्स देरी का शिकार हुई हैं, जबकि कई उड़ानों को रद्द करना पड़ा है। देश का सबसे व्यस्त एयरपोर्ट दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है। सुबह और देर रात के समय विजिबिलिटी बेहद कम होने से टेकऑफ और लैंडिंग में लगातार दिक्कतें सामने आ रही हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने अपने ऑफिस मेमोरेंडम में साफ कहा है कि कोहरे और खराब मौसम की स्थिति में एयरलाइंस को यात्रियों को उड़ान की स्थिति के बारे में समय पर और सटीक जानकारी देनी होगी। अगर फ्लाइट में देरी या रद्द होने की नौबत आती है, तो यात्रियों को उसका स्पष्ट कारण बताना एयरलाइंस की जिम्मेदारी होगी।
Passenger Advisory issued at 09:00 hours.
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— Delhi Airport (@DelhiAirport) December 20, 2025
मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि यदि उड़ान लंबे समय तक लेट होती है, तो यात्रियों को भोजन और रिफ्रेशमेंट उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही एयरलाइंस को यात्रियों को री-बुकिंग या पूरा रिफंड लेने का विकल्प भी देना होगा, ताकि उन्हें अनावश्यक परेशानी न हो।
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निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिन यात्रियों ने तय समय पर चेक-इन कर लिया है, उन्हें बोर्डिंग से रोका नहीं जाएगा, चाहे मौसम की वजह से उड़ान संचालन प्रभावित क्यों न हो। इससे यात्रियों में भ्रम और तनाव की स्थिति से बचा जा सकेगा।
खराब मौसम के कारण अगर किसी फ्लाइट को वैकल्पिक एयरपोर्ट पर डायवर्ट किया जाता है, तो वहां भी यात्रियों के लिए भोजन, रिफ्रेशमेंट और आगे की यात्रा की व्यवस्था करना एयरलाइंस की जिम्मेदारी होगी। इसके साथ ही कनेक्टिंग फ्लाइट्स, बैगेज हैंडलिंग और बिना अभिभावक यात्रा कर रहे बच्चों की देखभाल पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं।
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मंत्रालय ने एयरलाइंस को यह भी कहा है कि कोहरे से ज्यादा प्रभावित समय, जैसे सुबह जल्दी और देर शाम, एयरपोर्ट पर हेल्प डेस्क और कस्टमर सपोर्ट स्टाफ की संख्या बढ़ाई जाए, ताकि यात्रियों को तुरंत सहायता मिल सके।
दिशा-निर्देशों में दिव्यांग यात्रियों (PwDs) को हर संभव सहायता देने पर खास जोर दिया गया है। इसके अलावा समय पर रिफंड, बैगेज से जुड़ी सुविधाएं और शिकायत निवारण प्रणाली को प्रभावी बनाने को भी कहा गया है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा कि घने कोहरे और कम विजिबिलिटी के चलते उड़ान संचालन प्रभावित हो रहा है और ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा व सुविधा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
गौरतलब है कि हर साल सर्दियों में उत्तर भारत में घना कोहरा हवाई, रेल और सड़क यातायात को प्रभावित करता है। ऐसे हालात में यात्रियों को असुविधा से बचाने के लिए सरकार और एयरलाइंस की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। मंत्रालय के ये निर्देश यात्रियों को राहत देने की दिशा में अहम कदम माने जा रहे हैं।