Covid-19: भारत में फिर बढ़े कोरोना के मामले, सक्रिय केस 1000 के पार पहुंचे

कोविड-19 के मामलों में एक बार फिर उछाल देखने को मिल रहा है और इसका असर अब भारत में भी साफ तौर पर दिखने लगा है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 28 May 2025, 3:01 PM IST
google-preferred

नई दिल्ली: कोविड-19 के मामलों में एक बार फिर उछाल देखने को मिल रहा है और इसका असर अब भारत में भी साफ तौर पर दिखने लगा है। डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक 27 मई तक भारत में कोविड-19 के एक्टिव मामलों की संख्या 1,010 पहुंच गई है। पटना एम्स से लेकर दिल्ली, कर्नाटक और महाराष्ट्र में संक्रमण के नए मामलों की पुष्टि हुई है। इस बीच भारत में एक नए सब-वेरिएंट NB.1.8.1 ने भी दस्तक दे दी है, जिसने स्वास्थ्य विशेषज्ञों और प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।

पटना एम्स में महिला डॉक्टर संक्रमित

बिहार की राजधानी पटना स्थित एम्स में एक महिला डॉक्टर कोविड-19 से संक्रमित पाई गई हैं। इसके साथ ही अस्पताल में कुल सात संक्रमितों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं गाजियाबाद में अब तक 19 नए मामले सामने आए हैं। दिल्ली में भी कोरोना की रफ्तार धीमी नहीं हुई है और यहां 104 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। कर्नाटक से एक मरीज की मौत की खबर है, जिससे राज्य में चिंता और सतर्कता का माहौल है।

NB.1.8.1: नए वैरिएंट पर नज़र रखी जाएगी

नए सब-वैरिएंट NB.1.8.1, जिसे ओमिक्रॉन के JN.1 वंश का हिस्सा माना जाता है, की पहली बार चीन में पहचान की गई थी। तब से यह सिंगापुर, हांगकांग और अमेरिका जैसे देशों में फैल गया है। भारत में, इसे पहली बार अप्रैल 2025 में तमिलनाडु में पहचाना गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे "निगरानी में रखे जाने वाले वैरिएंट" (VUM) के रूप में वर्गीकृत किया है, जिसका अर्थ है कि इस पर नज़र रखने की ज़रूरत है, हालाँकि यह अभी तक चिंता की श्रेणी (VOC) में नहीं आता है।

Covid-19 (Source-Internet)

कोविड-19 (सोर्स-इंटरनेट)

NB.1.8.1 कितना ख़तरनाक है?

शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, यह वैरिएंट ज़्यादा गंभीर बीमारी का कारण नहीं बनता है। इसके लक्षण आम फ़्लू या हल्के कोविड जैसे ही होते हैं और ज़्यादातर मरीज़ घर पर ही इलाज से ठीक हो जाते हैं। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि NB.1.8.1 डेल्टा जैसे पुराने वैरिएंट की तुलना में कम घातक है और मौजूदा टीकों द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रतिरक्षा को चकमा नहीं देता है।

वैक्सीन और बूस्टर अब भी प्रभावी

विशेषज्ञों ने यह भी स्पष्ट किया है कि वर्तमान में उपलब्ध वैक्सीन और बूस्टर डोज इस नए वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी बने हुए हैं। संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण को अब भी सबसे कारगर उपाय माना जा रहा है। लोगों से मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और भीड़भाड़ से बचने की अपील की गई है।

सरकार की तैयारी और चेतावनी

कोविड मामलों में इस वृद्धि को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को निगरानी बढ़ाने, जांच की दर बनाए रखने और आवश्यक दवाओं और संसाधनों का स्टॉक सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। कुछ राज्यों ने अस्पतालों को सतर्क रहने और कोविड वार्डों को सक्रिय रखने के निर्देश भी दिए हैं।

Location : 

Published : 

No related posts found.