Cough Syrup: तमिलनाडु में एक फार्मा कंपनी पर गिरी ED की गाज, 300 से ज्यादा नियमों का उल्लंघन

तमिलनाडु सरकार ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप में जहरीला रसायन पाए जाने पर श्रीसन फार्मास्युटिकल का लाइसेंस रद्द कर फैक्ट्री बंद कर दी है। जांच में 300 से अधिक गंभीर GMP और GLP उल्लंघन पाए गए। कंपनी के मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है और ईडी ने भी छापेमारी की है।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 13 October 2025, 3:57 PM IST

Chennai: तमिलनाडु सरकार ने सोमवार को बड़ा कदम उठाते हुए श्रीसन फार्मास्युटिकल्स (Srisun Pharmaceuticals) का दवा निर्माण लाइसेंस पूरी तरह से रद्द कर दिया और कंपनी को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दे दिया है। यह कार्रवाई उस वक्त की गई जब राज्य औषधि नियंत्रण विभाग द्वारा किए गए निरीक्षण में कंपनी की लापरवाह और खतरनाक दवा निर्माण प्रक्रिया का खुलासा हुआ। जांच में यह भी सामने आया कि कोल्ड्रिफ नामक कफ सिरप में 48.6% डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) पाया गया- एक घातक रसायन, जो बच्चों की मौत से जुड़ा हुआ है।

क्या है पूरा मामला?

कोल्ड्रिफ कफ सिरप को लेकर पहली बार चिंता उस समय सामने आई जब मध्य प्रदेश में कई बच्चों की मौतें इस सिरप के सेवन से जुड़ी बताई गईं। इसके बाद राज्य औषधि नियंत्रण विभाग ने जांच शुरू की और श्रीसन फार्मास्युटिकल की दवा निर्माण इकाई में निरीक्षण किया। जांच में पाया गया कि कंपनी न केवल मान्य मानकों का उल्लंघन कर रही थी, बल्कि उसके उत्पादों में जहरीले तत्व भी मौजूद थे।

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DEG: जानलेवा जहर

डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) एक औद्योगिक रसायन है, जिसका उपयोग आमतौर पर एंटीफ्रीज और औद्योगिक प्रक्रियाओं में होता है। यह मनुष्य के शरीर के लिए बेहद जहरीला होता है और इसके सेवन से गंभीर किडनी फेलियर, तंत्रिका तंत्र को नुकसान और यहां तक कि मौत भी हो सकती है। यह वही रसायन है, जिसे पहले भी हजारों बच्चों की मौतों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा चुका है न केवल भारत में, बल्कि दुनिया के कई देशों में भी।

जांच में 300 से अधिक उल्लंघन

तमिलनाडु सरकार की जांच में सामने आया कि कंपनी ने न केवल GMP (Good Manufacturing Practices) बल्कि GLP (Good Laboratory Practices) का भी पालन नहीं किया। निरीक्षण के दौरान विभाग ने कंपनी में 300 से अधिक गंभीर और बड़े उल्लंघन दर्ज किए, जो दवा निर्माण के मानकों के विरुद्ध थे। इस स्तर की लापरवाही ने प्रशासन और आम जनता, दोनों को चिंतित कर दिया है।

प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)

मालिक गिरफ्तार, ईडी की कार्रवाई भी शुरू

इस मामले में कंपनी के मालिक जी. रंगनाथन को मध्य प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) ने हाल ही में गिरफ्तार किया है। इसके अलावा, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के परिसरों और अधिकारियों के ठिकानों पर धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत छापेमारी की है। माना जा रहा है कि कंपनी की वित्तीय गतिविधियों में भी गंभीर अनियमितताएं हो सकती हैं।

तमिलनाडु सरकार का सख्त रुख

राज्य सरकार ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया- "श्रीसन फार्मास्युटिकल्स का दवा निर्माण लाइसेंस पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है और कंपनी को बंद करने का आदेश जारी किया गया है। इसके अलावा तमिलनाडु में काम कर रही अन्य दवा निर्माण इकाइयों का भी विस्तृत निरीक्षण शुरू कर दिया गया है।"

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स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर बढ़ी चिंताएं

कोल्ड्रिफ कफ सिरप जैसे मामलों से यह सवाल उठता है कि भारत में दवाओं की गुणवत्ता और निगरानी के क्या हालात हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि दवा कंपनियों की निगरानी और सैंपल टेस्टिंग की प्रक्रिया को और अधिक सख्त और नियमित बनाने की जरूरत है। साथ ही, सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े मामलों में त्वरित कार्रवाई और पारदर्शिता बेहद जरूरी है।

स्वास्थ्य विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी कफ सिरप या दवा न लें, खासकर बच्चों के लिए। अगर किसी दवा से असामान्य लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और संबंधित विभाग को सूचित करें।

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  • Chennai

Published : 
  • 13 October 2025, 3:57 PM IST