New Delhi: बीजिंग में चीन की राजनीतिक स्थिरता और विदेश नीति की दिशा को लेकर एक नया सवाल खड़ा हो गया है, जब वरिष्ठ राजनयिक लियू जियानचाओ को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। 61 वर्षीय लियू, जिन्हें चीन का अगला विदेश मंत्री माना जा रहा था, को जुलाई के अंत में एक विदेश यात्रा से लौटने के बाद हिरासत में लिया गया। इस घटनाक्रम पर चीनी सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी ने चुप्पी साध रखी है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अटकलों का दौर तेज हो गया है।
सूत्रों के अनुसार, लियू वर्तमान में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय संपर्क विभाग के प्रमुख हैं, जो विदेशी राजनीतिक दलों से संबंधों को संभालता है। उन्होंने 2022 में पदभार ग्रहण करने के बाद 20 से अधिक देशों की यात्रा की और 160 से ज्यादा देशों के नेताओं से मुलाकात की। उनके अनुभव और सक्रिय विदेश संपर्कों को देखते हुए उन्हें विदेश मंत्री वांग यी का संभावित उत्तराधिकारी माना जा रहा था।
पूर्व में इंडोनेशिया और फिलीपींस में राजदूत रह चुके लियू ने विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता के रूप में भी काम किया, जहां उनकी स्पष्ट और हास्यपूर्ण शैली काफी लोकप्रिय रही। उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों की पढ़ाई की और बीजिंग फॉरेन स्टडीज यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी में स्नातक किया।
मृत भाई की कलाई पर बांधी राखी… और कांप उठा पूरा गांव, रक्षाबंधन पर तेंदुए ने छीन लिया 3 साल का मासूम
लियू की हिरासत चीन में राजनयिक स्तर पर बढ़ती अंदरूनी जांच और शक्ति संतुलन की ओर इशारा करती है। इससे पहले 2023 में, विदेश मंत्री क्विन गैंग को भी रहस्यमय हालात में पद से हटाया गया था। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह घटनाएं चीन की राजनीति में चल रही अंदरूनी खींचतान और शी जिनपिंग की सत्ता को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा हो सकती हैं।
Auraiya Accident: दो युवक हुए सड़क हादसे का शिकार, अस्पताल में भर्ती
लियू जियानचाओ की गिरफ्तारी न केवल चीन की आंतरिक राजनीति को उजागर करती है, बल्कि उसकी विदेश नीति और वैश्विक संबंधों पर भी दूरगामी प्रभाव डाल सकती है।
फरेंदा में आनंद हॉस्पिटल पर CMO का ताबड़तोड़ छापा, मरीज खींचने का गोरखधंधा बेनकाब

