दिल की नहीं पालतू की जिद: शादी के 10 महीने बाद ही तलाक! वजह जानकर आप कहेंगे- ये तो हद हो गई…

भोपाल की एक तलाकी कहानी में शादी के दस महीने बाद दंपति का रिश्ता टूट रहा है। वजह भी ऐसी है कि सुनने वाला अपना सिर पकड़ ले और कहे कि इससे अच्छा तो आजकल लोग शादी ही न करें। पारिवारिक बैठकें और कोर्ट काउंसलिंग भी इस मामले में काम नहीं आईं।

Post Published By: ईशा त्यागी
Updated : 7 October 2025, 12:04 PM IST

Bhopal: शादी के उत्साह के महज दस महीने बाद एक जोड़े का वैवाहिक जीवन उलझन में फंस गया और मामला अब फैमिली कोर्ट तक पहुंच गया है। वजह हैं दोनों के पालतू जानवर। दिसंबर 2024 में विवाहिता जोड़ी के बीच शुरू हुआ यह मामूली विवाद धीरे-धीरे इतनी बड़ी समस्या बन गया कि परिवार और काउंसलर मिलकर भी समाधान न कर सके।

शादी में पत्नी साथ ले आई बिल्ली

पारिवारिक स्रोतों के अनुसार, दूल्हा अपने लंबे समय के साथी कुत्ते के साथ रह चुका था, जबकि पत्नी शादी में अपनी पालतू बिल्ली को साथ लेकर आई। शुरू-शुरू में दोनों ने उम्मीद की कि दोनों पालतू जानवर एक-दूसरे के साथ घुल-मिल जाएंगे, पर व्यवहारिक जीवन में ऐसा नहीं हुआ।

पत्नी का कहना है कि पति का कुत्ता बार-बार उसकी बिल्ली को परेशान करता और कई बार उस पर हमला भी कर चुका है। दूसरी तरफ पति का आरोप है कि उसने पहले ही कह दिया था कि घर में केवल उसका ही पालतू रहेगा और मेहमान की तरह बिल्ली नहीं लानी चाहिए थी।

उत्तराखंड में मदरसा बोर्ड पर बड़ा फैसला, शिक्षा व्यवस्था में होगा बड़ा बदलाव, पढ़ें पूरी खबर

सुलह की सभी कोशिशें नाकाम

घरेलू स्तर पर कई बार सुलह की कोशिशें हुईं। रिश्तेदारों ने दोनों को समझाने की कोशिश की, पर दोनों में से कोई भी दूसरे के पालतू को छोड़ने को तैयार नहीं हुआ। तनाव बढ़ता गया और छोटे-छोटे झगड़े रोजमर्रा की बात बन गए। पड़ोसियों ने भी घर के माहौल में आए बदलाव की बात बताई कि पहले शांत और खुशहाल रहने वाला घर अब चुपचाप और तनावग्रस्त दिखने लगा।

फैमिली कोर्ट का किया रुख

जब व्यक्तिगत प्रयास नाकाम रहे, तब मामला कानूनी राह पर चला गया और दंपति ने फैमिली कोर्ट का रुख किया। कोर्ट ने बारीकी से दोनों पक्षों की बातें सुनीं और उन्हें कई बार काउंसलिंग के लिए भेजा। काउंसलर ने पालतू प्रबंधन, सीमाएं तय करने और व्यवहारिक प्रशिक्षण के सुझाव दिए लेकिन दंपति की जिद और गहरी भावनाएं सहज समझौते की राह नहीं छोड़ रही थीं।

कोर्ट की सुनवाई के दौरान भी न तो बिल्ली के निजी क्षेत्र को लेकर सामंजस्य बैठ पाया और न ही कुत्ते को अलग रखने पर सहमति बनी। सोशल मीडिया पर यह मामला आते ही चर्चा का विषय बन गया। कुछ लोग इसे हास्यपूर्वक देख रहे हैं और कुछ लोगों ने इसे आधुनिक जोड़ों में बढ़ती प्राथमिकताओं का संकेत माना है।

माफिया मुख्तार अंसारी की जमीन पर बनी आलीशान बिल्डिंग, फ्लैट्स खरीदने के लिए लगी हजारों लोगों की होड़

फैमिली कोर्ट ने अब मामले की अगली तिथि पर दोनों पक्षों को और गहन काउंसलिंग और व्यवहारिक परीक्षण के आदेश दिए हैं जिसमें पालतू के व्यवहारिक प्रशिक्षण और साझा रहन-सहन के नियमों का पालन शामिल होगा। जानवरों की सुरक्षा और घरेलू शांति दोनों को प्राथमिकता देने के लिए कोर्ट ने एक संरचित योजना सुझाने की बात कही है। हालांकि, फिलहाल यह साफ नहीं कि दंपति समझौता कर पाएंगे या यह मामला तलाक तक पहुंच जाएगा।

Location : 
  • Bhopal

Published : 
  • 7 October 2025, 12:04 PM IST