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Sheikh Hasina Verdict: शेख हसीना पर फैसले से पहले Bangladesh में आगजनी और हिंसक झड़पें, बढ़ा तनाव

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के मुकदमे पर सोमवार को फैसला होना है। अदालत के फैसले से पहले बांग्लादेश में तनाव का माहौल है। उनकी पार्टी अवामी लीग ने विरोध में पूरे देश में 'लॉकडाउन' की मांग की है। फैसले को देखते हुए बांग्लदेश में हाई एलर्ट जारी किया गया है।
Post Published By: Jay Chauhan
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Sheikh Hasina Verdict: शेख हसीना पर फैसले से पहले Bangladesh में आगजनी और हिंसक झड़पें, बढ़ा तनाव

नई दिल्ली: बांग्लादेश की अपदस्त प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ सोमवार को इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल में फैसला सुनाया जाना है। इस फैसले से पहले ही बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल तेज हो गई है। राजधानी ढाका से लेकर कई जिलों में हिंसक झड़पें, आगजनी, सड़क जाम और धमाके हुए हैं। फैसले को लेकर पैदा हुए तनाव ने पूरे देश में असुरक्षा का माहौल पैदा हो गया है। बांग्लादेश में हाई एलर्ट जारी किया गया है।

जानकारी के अनुसार फैसले से एक दिन पहले ही बांग्लादेश के कई हिस्सों में उग्र प्रदर्शन शुरू हो गए। प्रदर्शनकारियों ने कारों में आग लगाई, जगह-जगह कॉकटेल बम फोड़े और हाईवे पर पत्थर फेंककर रास्ते बंद कर दिए। हालात बिगड़ते देख सरकार ने पुलिस के साथ सेना और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को तैनात किया है। बीजीबी कई हाईवे खाली करा रही है ताकि आवागमन फिर शुरू हो सके।

गौरतलब है कि यह मामला जुलाई-अगस्त 2024 के छात्र-नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों के दौरान कथित मानवता विरोधी अपराधों से जुड़ा है। शेख हसीना ने सभी आरोपों से इनकार किया है। इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (आईसीटी) आज फैसला सुनाने जा रहा है, जिसे लेकर पूरे देश में तनाव फैल गया है।

हसीना की पार्टी अवामी लीग ने रविवार से दो दिन के देशव्यापी बंद का एलान किया, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ। ढाका में सड़कें सुनी दिखीं, कई इलाकों में पटाखानुमा धमाकों की आवाजें भी सुनी गईं।

ट्रिब्यूनल ने 23 अक्टूबर को अपनी सुनवाई पूरी की. अगस्त में हुए विद्रोह में अवामी लीग सरकार गिरा दी गई थी और हसीना देश छोड़कर भारत चली गईं. कमाल ने भी भारत में शरण ली है. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हसीना की प्रत्यर्पण की मांग की है, लेकिन भारत ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया.

सोशल मीडिया पर सक्रिय अवामी लीग
जुलाई 2024 के छात्र आंदोलन के बाद हसीना सरकार गिर गई थी और 5 अगस्त को वह भारत चली गईं। इसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी। यूनुस सरकार ने अवामी लीग और उससे जुड़े संगठनों की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया है।

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पिछले साल के हिंसक विरोध प्रदर्शनों में सैकड़ों लोगों की हत्या और मानवता के खिलाफ अपराध के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। हसीना ने एक इंटरव्यू में कहा कि उनके खिलाफ चल रहा मुकदमा झूठा तमाशा है।

उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी तानाशाही सरकार के खिलाफ छात्रों के आंदोलन को दबाने के लिए सुरक्षा बलों को निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश दिया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के अनुसार 1,400 तक लोग मारे गए थे।

 

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