

सुबह के समय हार्ट अटैक आने की संभावना अधिक क्यों होती है? इसके पीछे वैज्ञानिक और शारीरिक कारण छिपे हैं। आइए जानें सुबह के वक्त दिल के दौरे की घटनाएं ज्यादा क्यों होती हैं और इससे बचने के उपाय क्या हैं।
हार्ट अटैक, प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स-गूगल)
New Delhi: हार्ट अटैक यानी दिल का दौरा एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है, जिसकी आशंका सबसे ज्यादा सुबह के समय देखी जाती है। कई रिसर्च और मेडिकल रिपोर्ट्स में यह पाया गया है कि सुबह 4 बजे से 10 बजे के बीच हार्ट अटैक की घटनाएं ज्यादा होती हैं। इसके पीछे कई जैविक और शारीरिक कारण छिपे हैं, जो हमारे शरीर की प्राकृतिक गतिविधियों से जुड़े होते हैं।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि सुबह का समय हमारे शरीर के लिए कई बदलावों का समय होता है। जैसे ही हम नींद से जागते हैं, शरीर में हार्मोनल परिवर्तन शुरू हो जाते हैं। इस दौरान शरीर में कॉर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन की मात्रा अचानक बढ़ जाती है। यह हार्मोन ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन को तेज करता है। परिणामस्वरूप दिल पर अचानक दबाव बढ़ जाता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा हो जाता है।
इसके अलावा सुबह उठने पर हमारे शरीर में प्लेटलेट्स ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं, जिससे खून गाढ़ा हो जाता है और जमने की संभावना बढ़ जाती है। अगर किसी व्यक्ति की धमनियों में पहले से ब्लॉकेज है तो यह स्थिति घातक हो सकती है, और वह हार्ट अटैक का शिकार हो सकता है।
दिल्ली एम्स के कार्डियोलॉजिस्ट बताते हैं कि सुबह उठते ही शरीर में ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ जाता है। यह बदलाव उन लोगों के लिए और खतरनाक हो सकता है, जिन्हें पहले से हृदय संबंधी समस्याएं हैं।"
एक अन्य महत्वपूर्ण कारण है नींद से जागने के बाद अचानक शारीरिक सक्रियता। जैसे ही हम बिस्तर से उठते हैं, शरीर पर तनाव आता है। यह बदलाव उन लोगों के लिए जोखिम भरा होता है जो हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों से ग्रसित हैं।
हार्ट अटैक से बचने के उपाय
हार्ट अटैक से बचने के लिए जरूरी है कि लोग अपनी दिनचर्या को संतुलित रखें। सुबह उठते ही अचानक किसी भारी काम से बचें। साथ ही नियमित व्यायाम, हेल्दी डाइट, तनाव से बचाव और समय पर दवा लेना बेहद जरूरी है।
विशेषज्ञ यह भी सलाह देते हैं कि हाई रिस्क मरीजों को सुबह के समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। अगर किसी को सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ या हाथ में झनझनाहट महसूस हो तो तुरंत मेडिकल सहायता लेनी चाहिए।