पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच सभी दल हर सीट पर अपना दावा ठोक रहे हैं। राज्यों में दिन-दिन सियासी पारा लगातार बढ़ता जा रहा है। चुनावी चर्चाओं के बीच पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव एक बार फिर सुर्खियों में है। इस चुनाव में पप्पू यादव महागठबंधन खासकर कांग्रेस के साथ है। पिछले दिनों वे महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव के साथ मंच पर नजर आये।
बिहार में चुनावी सरगर्मियों के बीच पप्पू यादव एक नये संकट में फंस गये हैं। उनको इनकम टैक्स ने नोटिस भेजा है और बाढ़ के दौरान लोगों को रुपये बांटने के बारे में सवाल पूछा है।
इनकम टैक्स ने पप्पू यादव को जो नोटिस भेजा है, उसमें उनसे पूछा गया है कि बाढ़ में वह लोगों को जो 3000-4000 रुपये बांट रहे थे, उन रुपयों का स्रोत क्या है? आचार संहिता लागू होने के कारण इस मामले में पप्पू यादव की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।
इसी मामले को लेकर निर्दलीय सांसद पप्पू यादव पर गत दिनों आचार संहिता के उल्लंघन का केस दर्ज किया गया। वैशाली के सहदेई पुलिस स्टेशन में यह केस दर्ज किया गया। पप्पू यादव द्वारा पैसे बांटने के सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद चुनाव ड्यूटी पर तैनात एक अधिकारी के बयान के आधार पर उनके खिलाफ यह केस दर्ज हुआ है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
बता दें कि बिहार में आचार संहिता के बीच पप्पू यादव का बाढ़ पीड़ितों को पैसे बांटने का एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में वे पीड़ितों को 4000 रुपये बांटते हुए दिख रहे हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने करीब 80 बाढ़ पीड़ितों के बीच यह राशि बांटी। बाढ़ पीड़ितों ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्हें किसी अन्य नेता से आर्थिक सहायता नहीं मिली।
आचार संहिता के बीच पप्पू यादव द्वारा पैसे बांटने को लेकर विपक्षी दल उन पर लगातार हमला बोल रहे हैं। उन्होंने इस पर पिछले दिनों अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि ‘अब चुनाव आयोग के डर से हम गरीबों की मदद करना छोड़ दें। ये तो पप्पू यादव से संभव नहीं है।’
अब देखने वाली बात यह होगी कि पैसे बांटने वाले इस मामले में चुनाव आयोग और पुलिस उनके खिलाफ क्या एक्शन लेती है।

