Patna: बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार पटना सिटी सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। कांग्रेस ने यहां से आईआईटी दिल्ली और आईआईएम कोलकाता से शिक्षित युवा प्रत्याशी शशांत शेखर को मैदान में उतारा है। देश के शीर्ष शिक्षण संस्थानों से पढ़े शशांत को बिहार के सबसे शिक्षित उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा है।
डाइनामाइट न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत में शशांत ने कहा कि अगर जनता ने उन्हें मौका दिया तो वे सिर्फ 100 दिनों में पटना सिटी की तस्वीर बदल देंगे। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, ट्रैफिक और सफाई को लेकर अपना संकल्प पत्र जारी किया है।
“शिक्षा सुधार मेरी पहली प्राथमिकता”
शशांत शेखर ने कहा, “पटना की स्थिति बेहद खराब है, खासकर शिक्षा के क्षेत्र में। स्कूलों की हालत देखकर दुख होता है। अगर मैं विधायक बना तो सबसे पहले शिक्षा व्यवस्था पर काम करूंगा। हर वार्ड में एक स्कूल बनाया जाएगा।”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी की नीति हमेशा से शिक्षा-केंद्रित रही है और वे उसी विजन को आगे बढ़ाएंगे। हम चाहते हैं कि पटना सिटी के बच्चे भी दिल्ली और बेंगलुरु के छात्रों की तरह अवसर पा सकें।”
“स्वास्थ्य सेवाओं की हालत दयनीय, बनवाएंगे सरकारी अस्पताल”
शशांत ने तीखा प्रहार करते हुए कहा, “पटना में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बद से बदतर है। सरकारी अस्पतालों की कमी के कारण लोग छोटे-मोटे इलाज के लिए भी निजी क्लीनिकों के चक्कर काटते हैं। उन्होंने वादा किया कि विधायक बनते ही पटना सिटी में एक आधुनिक सरकारी अस्पताल बनाया जाएगा।”
“भाजपा सरकार की 11 हजार करोड़ की परियोजना फेल”
शशांत ने आरोप लगाया कि पटना की सड़कों और ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के नाम पर बीजेपी सरकार ने 11,000 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू की, लेकिन वह पूरी तरह असफल साबित हुई। उन्होंने कहा, “हमने खुद एक रोडमैप तैयार किया है, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या स्थायी रूप से खत्म होगी। गंदगी और नालों की सफाई हमारी तीसरी प्राथमिकता होगी।”
“भाजपा ने मेट्रो वहां चलाई, जहां जरूरत नहीं थी”
शशांतने कहा, “भाजपा सरकार ने मेट्रो का रूट ऐसे इलाकों में बनाया जहां पहले से सड़कें चौड़ी थीं, जबकि पुराने इलाकों जैसे पटना सिटी, चौक और कंगन घाट को नजरअंदाज कर दिया गया। यह पटना वासियों के साथ दोगला व्यवहार है।”
“7 बार विधायक रहे नंद किशोर नहीं कर पाए विकास”
बीजेपी प्रत्याशी पर हमला बोलते हुए शशांत ने कहा, “नंद किशोर यादव 7 बार विधायक रहे, लेकिन उन्होंने क्षेत्र का कोई ठोस विकास नहीं किया। सड़कों से लेकर शिक्षा तक हर व्यवस्था चरमराई हुई है।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पिछले 8 महीनों से घर-घर जाकर लोगों से समस्याएं जानीं और उसी आधार पर पटना सिटी का संकल्प पत्र तैयार किया है।

