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गोरखपुर में रेलवे नौकरी घोटाले का पर्दाफाश, गैंगस्टर एक्ट के तहत चार अपराधी चढ़े पुलिस के हत्थे

गोरखपुर में रेलवे नौकरी घोटाले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Rohit Goyal
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गोरखपुर में रेलवे नौकरी घोटाले का पर्दाफाश, गैंगस्टर एक्ट के तहत चार अपराधी चढ़े पुलिस के हत्थे

गोरखपुर: जनपद पुलिस ने रेलवे भर्ती बोर्ड में फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी दिलाने वाले एक संगठित गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर के निर्देश पर चलाए जा रहे अपराध नियंत्रण अभियान के तहत थाना कैंट पुलिस ने गैंग लीडर राम सजीवन सहित चार अपराधियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम, 1986 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इस कार्रवाई से क्षेत्र में अपराधियों के बीच दहशत और आम जनमानस में राहत की लहर है।

गिरोह का काला कारनामा

गैंग का सरगना राम सजीवन, जो रेलवे भर्ती बोर्ड में अधिकारी के पद पर कार्यरत था, ने अपने पद का दुरुपयोग कर अपने बेटे सौरभ और गैंग के अन्य सदस्य चन्द्र शेखर आर्य के बेटे राहुल प्रताप को अवैध तरीके से रेलवे में नौकरी दिलाई। चन्द्र शेखर आर्य भी रेलवे भर्ती बोर्ड में अधिकारी के पद पर कार्यरत था। इस गिरोह ने गोरखपुर रेलवे भर्ती बोर्ड की केंद्रीकृत रोजगार सूचना संख्या-01/2018 (संशोधित तिथि 24.05.2019) के तहत आयोजित भर्ती प्रक्रिया में धोखाधड़ी की।पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान दो अभ्यर्थी दस्तावेज सत्यापन (Document Verification) में अनुपस्थित थे। इस मौके का फायदा उठाकर राम सजीवन और चन्द्र शेखर आर्य ने अपने-अपने बेटों, सौरभ और राहुल प्रताप, को अनुपस्थित अभ्यर्थियों के स्थान पर फर्जी तरीके से भर्ती पैनल (RB/GKP/01/2018/Tech.III/Fitter/Additional/MCF, दिनांक 26.04.2024) में शामिल कर लिया।

इस घोटाले के लिए गिरोह ने कूटरचित दस्तावेज तैयार किए, जिसके आधार पर थाना कैंट में पहले से ही मुकदमा संख्या 737/2024, धारा 419/420/467/468/471/120B भा.द.वि. के तहत मामला दर्ज था।

गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई

पुलिस अधीक्षक नगर और क्षेत्राधिकारी कैंट के मार्गदर्शन में थाना कैंट के प्रभारी निरीक्षक ने जिला मजिस्ट्रेट गोरखपुर से अनुमोदित गैंग चार्ट के आधार पर राम सजीवन, सौरभ, चन्द्र शेखर आर्य और राहुल प्रताप के खिलाफ मुकदमा संख्या 329/2025, धारा 2(ख)(I)(IV)/3(1) उ.प्र. गैंगस्टर एक्ट 1986 के तहत पंजीकृत किया। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह अपने अवैध कृत्यों से जनमानस में भय और आतंक फैलाता था, जिसे रोकने के लिए यह सख्त कार्रवाई जरूरी थी।अभियुक्तों का आपराधिक इतिहासराम सजीवन: गैंग का सरगना, रेलवे भर्ती बोर्ड का पूर्व अधिकारी। हाल पता: 391/ओ मांडल रेलवे कॉलोनी, थाना शाहपुर, गोरखपुर। स्थायी पता: ग्राम अमोढा, थाना ऊरूवा बाजार, गोरखपुर। आपराधिक इतिहास: मु.अ.सं. 737/2024, धारा 419/420/467/468/471/120B भा.द.वि., थाना कैंट।सौरभ: राम सजीवन का बेटा। हाल पता: वही। आपराधिक इतिहास: मु.अ.सं. 737/2024 (उपरोक्त धाराएं) और मु.अ.सं. 1203/2020, धारा 188/269/270 भा.द.वि., थाना शाहपुर।चन्द्र शेखर आर्य: रेलवे भर्ती बोर्ड का पूर्व अधिकारी। हाल पता: एलआईजी-डी-39, राप्ती नगर फेज-4, शाहपुर, गोरखपुर। स्थायी पता: ग्राम बरहपार नसरतपुर, थाना सहदात, गाजीपुर।

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