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इटावा में अंधेरे में रहने को मजबूर गांववाले: एक महीने से बिजली नहीं तो सड़कों पर उतरे लोग, जेई को दिया अल्टीमेटम

बिजली की आपूर्ति ने परेशान होकर ग्रामीण सड़क पर उतर आए हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Asmita Patel
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इटावा में अंधेरे में रहने को मजबूर गांववाले: एक महीने से बिजली नहीं तो सड़कों पर उतरे लोग, जेई को दिया अल्टीमेटम

इटावा: जिले के ताखा ब्लॉक के ग्राम खिलचीपुर में बिजली की आपूर्ति पिछले एक महीने से ठप होने के कारण ग्रामीणों का धैर्य टूट चुका है। लगातार हो रही बिजली की कटौती और खराब स्थिति से परेशान ग्रामीणों ने मंगलवार को सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी नाराजगी व्यक्त की और बिजली बहाल करने की मांग की।

बिजली आपूर्ति पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा

ग्रामवासियों ने बताया कि वे कई बार विभागीय अधिकारियों और ऑनलाइन शिकायत पोर्टल के माध्यम से अपनी समस्या दर्ज करा चुके हैं, लेकिन कहीं से भी कोई समाधान नहीं निकला। खासतौर पर ग्राम से जुड़े जेई पर ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने मरम्मत के नाम पर ग्रामीणों से 10 हजार रुपये की राशि जमा करवाई। छह दिनों तक इस पैसे को अपने पास रखकर बिना कोई कार्य किए सातवें दिन उन्हें यह पैसा वापस लौटा दिया गया। इससे ग्रामीणों में भारी नाराजगी है।

गर्मी से परेशान हो गए ग्रामीण

गांव मेंषण गर्मी और उमस का मौसम है और बिजली न होने के कारण बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। घरों में अंधकार छाया हुआ है और जीवन यापन कठिन हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि वे अब और इंतजार नहीं कर सकते। यदि जल्द ही बिजली समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।

आंदोलन की दी चेतावनी

ग्रामवासियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 48 घंटे के भीतर बिजली बहाल नहीं हुई,तो वे ताखा ब्लॉक और जिले स्तर पर धरना-प्रदर्शन करेंगे। उनका कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर किसी भी हद तक जा सकते हैं। ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे हैं प्रमुख ग्रामवासी सुघर सिंह, शिवकुमार, हरिचंद्र, रामबाबू, लखन सिंह, प्रमोद, विनोद, मुकेश चंद्र, महिपाल सिंह, शिवसिंह, कप्तान सिंह, चंद्रभान, विजय बहादुर, सरमोड, और गिरेंद्र जैसे दर्जनों लोग।

प्रशासन और विभागीय अधिकारियों की चुप्पी

प्रशासनिक अधिकारियों से जब इस मामले में बात की गई तो उनका कहना था कि जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। ऐसे में उनका गुस्सा फूटा है और उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि बिजली की समस्या का हल नहीं निकला तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।

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