ऑपरेशन कनविक्शन के तहत बड़ी सफलता: 13 वर्ष पुराने हत्या के प्रयास मामले में आया फैसला, जानें कितनी हुई सजा

गोरखपुर में ऑपरेशन कनविक्शन अभियान के तहत बड़ी सफलता मिली है। 2012 के हत्या के प्रयास मामले में न्यायालय ने दो आरोपियों को 7-7 साल की सजा सुनाई। यह फैसला कानून व्यवस्था पर जनता का भरोसा मजबूत करेगा।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 15 December 2025, 8:18 PM IST

Gorakhpur: उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा चलाए जा रहे “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान के तहत गोरखपुर पुलिस को एक बड़ी और निर्णायक सफलता मिली है। वर्ष 2012 में थाना बेलीपार में दर्ज हत्या के प्रयास के गंभीर मामले में माननीय न्यायालय ने दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए 07-07 वर्ष के कठोर कारावास और 25-25 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह फैसला न केवल पीड़ित पक्ष के लिए न्याय की जीत है, बल्कि अपराधियों के लिए एक सख्त और स्पष्ट संदेश भी है कि कानून से बच पाना अब संभव नहीं है।

2012 का मामला, जानलेवा हमले का आरोप

प्राप्त जानकारी के अनुसार, थाना बेलीपार जनपद गोरखपुर में वर्ष 2012 में मु0अ0सं0 04/2012 के तहत धारा 323, 325, 506, 307 और 34 भादवि में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में अभियुक्त दयाशंकर पांडेय पुत्र राम मूरत पांडेय एवं छोटू उर्फ सुचित कुमार पांडेय पुत्र दयाशंकर पांडेय, निवासी व्यवहरिया, थाना बेलीपार पर पीड़ित पर जानलेवा हमला करने का गंभीर आरोप था।

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ऑपरेशन कनविक्शन बना सजा की वजह

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक द्वारा अपराधियों को सजा दिलाने के उद्देश्य से चलाए जा रहे ऑपरेशन कनविक्शन अभियान के अंतर्गत इस मामले को विशेष रूप से चिन्हित किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, गोरखपुर के निर्देशन में थाना स्तर पर नियुक्त पैरोकार, मॉनिटरिंग सेल और संबंधित अधिकारियों द्वारा लगातार और प्रभावी पैरवी की गई। पुराने मामलों में साक्ष्यों का पुनः परीक्षण, गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करना और केस डायरी को मजबूत करना इस अभियान की प्रमुख रणनीति रही।

न्यायालय का सख्त फैसला

मामले की सुनवाई माननीय ADJ-4 / NDPS एक्ट न्यायालय, गोरखपुर में हुई। न्यायालय ने उपलब्ध साक्ष्यों, गवाहों के बयान और अभियोजन पक्ष की दलीलों को गंभीरता से सुनने के बाद दोनों अभियुक्तों को दोषी पाया। न्यायालय ने प्रत्येक अभियुक्त को 07 वर्ष का कठोर कारावास और 25,000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि समाज में हिंसक अपराधों को रोकने के लिए कठोर सजा आवश्यक है।

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गोरखपुर पुलिस की बड़ी उपलब्धि

गोरखपुर पुलिस ने इस फैसले को अपनी बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा है कि यह निर्णय पुलिस और अभियोजन की संयुक्त मेहनत का परिणाम है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अपराध चाहे जितना पुराना क्यों न हो, कानून के दायरे से कोई भी अपराधी बाहर नहीं रह सकता।

Location : 
  • Gorakhpur

Published : 
  • 15 December 2025, 8:18 PM IST