New Delhi: म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले लाखों निवेशकों के लिए अब KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया और भी आसान हो गई है। 17 जुलाई, 2025 को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, डाक विभाग (India Post) और एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौते के तहत अब देशभर के 1.64 लाख से अधिक डाकघर म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए KYC वेरिफिकेशन और दस्तावेज संग्रहण सेवा प्रदान करेंगे।
क्या होगी सुविधा?
इस नई सेवा के तहत डाकघर के प्रशिक्षित कर्मचारी निवेशकों को KYC फॉर्म भरने, जरूरी दस्तावेजों को सेल्फ अटेस्ट कराने, पहचान और पते के प्रमाण (जैसे आधार, पैन, बिजली या पानी का बिल) को वेरिफाई करने और उन्हें एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) तक पहुंचाने में मदद करेंगे। इससे निवेशकों को बार-बार बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
KYC की प्रक्रिया क्या है?
म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले निवेशक को KYC यानी “Know Your Customer” प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य होता है। यह एक नियामक प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य निवेशक की पहचान और उसकी वित्तीय पृष्ठभूमि की पुष्टि करना होता है, ताकि मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गतिविधियों को रोका जा सके।
KYC प्रक्रिया में क्या-क्या करना होता है?
निवेशक को निम्न दस्तावेज़ जमा करने होते हैं:
पहचान प्रमाण: पैन कार्ड अनिवार्य है
पता प्रमाण: आधार कार्ड, पासपोर्ट, वोटर ID, बिजली बिल आदि
फोटो और हस्ताक्षर देना
हालिया पासपोर्ट साइज फोटो
एक साइन जो आपके अन्य डॉक्यूमेंट से मेल खाता हो
KYC फॉर्म भरना
व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, जन्मतिथि, पेशा, आय सीमा आदि भरनी होती है
इन-पर्सन वेरिफिकेशन (IPV)
KYC कैसे करें?
ऑफलाइन तरीका: नजदीकी रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट (जैसे CAMS या KFintech) या म्यूचुअल फंड कंपनी के ऑफिस जाकर KYC फॉर्म भर सकते हैं।
KYC स्टेटस कैसे चेक करें?
अपनी म्यूचुअल फंड कंपनी या रजिस्ट्रार (जैसे CAMS, KFintech) की वेबसाइट पर जाएं।
“KYC स्टेटस” विकल्प चुनें।
अपना 10 अंकों का पैन नंबर दर्ज करें।
आपकी स्क्रीन पर स्टेटस “Validated”, “Registered”, “On Hold” या “Rejected” दिखेगा।
क्यों है यह पहल खास?
इस नई सुविधा से खासतौर पर उन निवेशकों को राहत मिलेगी जो छोटे शहरों, कस्बों या ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और जिनके लिए डिजिटल KYC या बैंक विजिट करना मुश्किल होता है। यह पहल वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देगी और म्यूचुअल फंड में निवेश को और सुलभ बनाएगी।