

जुलाई आते ही टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने में जुट जाते हैं। लेकिन इस बार सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैल रही है कि 17 जुलाई के बाद ITR भरने से रिफंड जल्दी मिलेगा। जानिए विशेषज्ञों की राय और सच्चाई क्या है।
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स-गूगल)
New Delhi: जैसे ही जुलाई की शुरुआत होती है, देशभर के टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की तैयारी में लग जाते हैं। लेकिन 2025 में सोशल मीडिया पर एक अजीब सा सवाल तेजी से वायरल हो रहा है – क्या 17 जुलाई के बाद ITR भरने से रिफंड जल्दी मिलेगा?
इस सवाल ने कई टैक्सपेयर्स को भ्रम में डाल दिया है। कुछ का मानना है कि आयकर विभाग की तकनीकी प्रक्रिया इतनी तेज हो गई है कि रिटर्न किसी भी समय भरने से रिफंड जल्दी आ सकता है। वहीं कई लोग दावा कर रहे हैं कि 17 जुलाई के बाद रिटर्न फाइल करने वालों को प्राथमिकता मिलती है।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
वित्तीय मामलों की विशेषज्ञ और चार्टर्ड अकाउंटेंट नियति शाह के अनुसार, यह दावा पूरी तरह से अफवाह है और इसका कोई आधार नहीं है। उनके अनुसार ITR फाइलिंग जितनी जल्दी की जाए, उतना बेहतर है। मई या जून में सही विवरणों के साथ फाइल किया गया ITR आमतौर पर 10 से 20 दिनों में प्रोसेस हो जाता है। लेकिन जैसे-जैसे डेडलाइन नजदीक आती है, आयकर विभाग पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे प्रोसेसिंग में देरी हो सकती है।”
जल्दी फाइलिंग का फायदा
अगर आपने 15 जुलाई तक ITR फाइल कर दिया है और उसका ई-वेरिफिकेशन भी समय पर कर लिया है, तो आपको रिफंड मिलने में अधिक समय नहीं लगेगा। ऐसे मामलों में रिफंड 10 से 17 दिनों के भीतर आपके बैंक खाते में आ सकता है।
हालांकि, अगर डॉक्यूमेंट्स में कोई त्रुटि हो या बैंक विवरण गलत हो, तो आयकर विभाग को जांच करनी पड़ती है। ऐसे मामलों में रिफंड आने में 4–5 हफ्ते या उससे अधिक समय भी लग सकता है।
ई-वेरिफिकेशन की अहमियत
ITR फाइल करने के बाद उसका ई-वेरिफिकेशन करना अनिवार्य है। अगर यह प्रक्रिया तय समय (30 दिन) के भीतर पूरी नहीं की जाती है, तो आपकी फाइलिंग मान्य नहीं मानी जाती और रिफंड में देरी हो सकती है।