Credit Score सिस्टम में बड़ा बदलाव: अब रियल टाइम अपडेट, गलत स्कोर से नहीं बिगड़ेगा लोन का खेल

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और वित्त मंत्रालय का वित्तीय सेवा विभाग अब देश की क्रेडिट स्कोर प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव करने जा रहे हैं।

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 6 July 2025, 6:52 PM IST

New Delhi: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और वित्त मंत्रालय का वित्तीय सेवा विभाग अब देश की क्रेडिट स्कोर प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव करने जा रहे हैं। यह बदलाव खासकर उन करोड़ों लोगों के लिए राहत की खबर है, जिनका क्रेडिट स्कोर खराब है या जिनके पास कोई सिबिल स्कोर नहीं है, लेकिन उन्हें कर्ज की जरूरत है।

अब तक सिबिल स्कोर को ही कर्ज लेने की प्राथमिक योग्यता माना जाता था, लेकिन अब इसे रियल टाइम में अपडेट करने और सिबिल स्कोर से आगे बढ़कर व्यापक क्रेडिट एनालिसिस पर जोर दिया जा रहा है। इस पहल का मकसद है कि देश के हर नागरिक को, चाहे वह शहरी हो या ग्रामीण, कर्ज तक आसान पहुंच मिल सके।

क्या है बदलाव?

RBI का कहना है कि अभी जो क्रेडिट स्कोर अपडेट की प्रक्रिया है, वह 15 दिन का अंतराल लेती है, जिससे कर्ज लेने वाले व्यक्ति को कई बार गलत स्कोर की वजह से नुकसान उठाना पड़ता है। अब इसे रियल टाइम डाटा के आधार पर अपडेट किया जाएगा ताकि किसी व्यक्ति की वित्तीय स्थिति का सटीक और ताजा मूल्यांकन किया जा सके।

इसके अलावा, RBI एक यूनिक क्रेडिट आइडेंटिटी नंबर पर भी विचार कर रहा है, जिससे किसी भी व्यक्ति की कर्ज पात्रता को अधिक सटीक और तेज़ तरीके से जांचा जा सकेगा।

यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस (ULI) से बदलेगा खेल

UPI की तर्ज पर अब ULI यानी यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस प्लेटफॉर्म को लागू किया जा रहा है, जिसे देश के सभी सरकारी, निजी, ग्रामीण और सहकारी बैंकों से जोड़ा जाएगा। इसके माध्यम से व्यक्ति की सम्पत्ति, फसल, खेत, ऋण इतिहास और डिजिटल लेनदेन जैसी कई जानकारियां एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी।

प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स- इंटरनेट)

इस प्लेटफॉर्म का खास फायदा उन लोगों को मिलेगा, जिनका कोई क्रेडिट स्कोर मौजूद नहीं है, जैसे कि ग्रामीण किसान, गिग वर्कर्स, ई-कॉमर्स सेलर्स आदि। अब इनकी डिजिटल गतिविधि और वित्तीय व्यवहार के आधार पर भी उनकी कर्ज पात्रता तय की जा सकेगी।

ग्रामीण भारत के लिए बड़ी राहत

ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों लोग ऐसे हैं जिन्होंने अब तक कोई बैंक लोन नहीं लिया है, इसलिए उनके पास कोई सिबिल स्कोर नहीं है। इस कारण उन्हें बैंक से ऋण लेने में मुश्किल होती है। अब इस समस्या को दूर करने के लिए ग्रामीण क्रेडिट स्कोर फ्रेमवर्क पर भी काम चल रहा है, जिसका पायलट प्रोजेक्ट जारी है। जल्द ही इसे देशभर में लागू किया जाएगा।

क्या होंगे फायदे?

  • जिनका क्रेडिट स्कोर खराब या नहीं है, उन्हें भी लोन मिल सकेगा।
  • रियल टाइम अपडेट से गलत रिपोर्टिंग से बचा जा सकेगा।
  • गिग वर्कर्स, छोटे दुकानदार और किसान भी क्रेडिट सिस्टम में शामिल हो सकेंगे।
    ऋण देने की प्रक्रिया होगी तेज़, पारदर्शी और डेटा आधारित।

RBI और वित्त मंत्रालय की यह पहल भारतीय वित्तीय प्रणाली में एक नई क्रांति की तरह है। अब क्रेडिट स्कोर केवल अतीत का लेखा-जोखा नहीं रहेगा, बल्कि यह वर्तमान व्यवहार और संभावनाओं पर आधारित होगा। इससे न केवल बैंकों को बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलेगी, बल्कि आम लोगों को भी वित्तीय समावेशन का वास्तविक लाभ मिलेगा।

जल्द ही, एक आम किसान या एक ऑनलाइन विक्रेता भी बिना किसी झंझट के लोन पा सकेगा, और यही है भारत की डिजिटल और समावेशी अर्थव्यवस्था की असली दिशा।

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  • New Delhi

Published : 
  • 6 July 2025, 6:52 PM IST