सुप्रीम कोर्ट: ‘सनातन’ के नाम पर वकील का दुर्व्यवहार, CJI गवई पर जूता फेकने की कोशिश

सुप्रीम कोर्ट में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक वकील ने CJI गवई की ओर जूता फेंकने का प्रयास किया। पुलिस ने तुरंत वकील को हिरासत में लिया और कोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गई। सीजेआई ने संयम बरतते हुए कहा- इन चीजों से मुझे फर्क नहीं पड़ता।

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 6 October 2025, 1:57 PM IST

New Delhi: भारत के सर्वोच्च न्यायालय में सोमवार को एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब एक वकील ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में बैठे जस्टिस बी आर गवई की तरफ जूता फेंकने की कोशिश की। हालांकि, कोर्ट में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए वकील को काबू में कर लिया और कोर्ट परिसर से बाहर ले गए। इस घटना के बाद देशभर की कानूनी बिरादरी में आक्रोश है और सुप्रीम कोर्ट की गरिमा पर हमला बताकर इस घटना की कड़ी निंदा की जा रही है।

क्या हुआ कोर्ट में?

सूत्रों के अनुसार, यह घटना तब हुई जब सुप्रीम कोर्ट में नियमित सुनवाई चल रही थी। आरोपी वकील, जिसकी पहचान राकेश किशोर के रूप में हुई है, अचानक उठकर न्यायाधीशों की बेंच की ओर बढ़ा और जूता निकालकर CJI गवई की तरफ फेंकने की कोशिश की। सुरक्षाकर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए उसे वहीं रोक लिया। वह बाहर जाते समय जोर-जोर से चिल्ला रहा था- 'सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान।' कोर्ट परिसर में मौजूद सभी लोग स्तब्ध रह गए।

CJI गवई की शांत प्रतिक्रिया

इस पूरे घटनाक्रम के दौरान CJI बी आर गवई ने अत्यंत संयम और धैर्य का परिचय दिया। उन्होंने कोर्ट की कार्यवाही को बिना किसी व्यवधान के आगे बढ़ने दिया और अन्य वकीलों से कहा, 'इस पर ध्यान मत दें, मुझे इन सबसे फर्क नहीं पड़ता।' उनकी इस प्रतिक्रिया की वकीलों और न्यायिक अधिकारियों ने सराहना की।

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क्या था इस हमले का कारण?

हालांकि, वकील की ओर से आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन कुछ अधिवक्ताओं ने आशंका जताई है कि यह घटना सीजेआई की ओर से सनातन धर्म से जुड़े किसी कथित टिप्पणी को लेकर हुई है। एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, 'प्राथमिक जांच में यह पता चला है कि यह प्रतिक्रिया संभवतः भगवान विष्णु से जुड़े एक केस में की गई टिप्पणी से जुड़ी है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की किसी भी टिप्पणी का विरोध इस तरह से करना पूरी तरह अनुचित और निंदनीय है।'

जस्टिस बी आर गवई

कौन है वो वकील जिसने की ये हरकत ?

आरोपी वकील की पहचान राकेश किशोर के रूप में हुई है। वह 2011 से सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के रजिस्टर्ड सदस्य हैं। कोर्ट और बार काउंसिल दोनों के रिकॉर्ड में उनका नाम है। हालांकि, उनकी मानसिक स्थिति या पिछले किसी अनुशासनात्मक मामले की जानकारी की जांच की जा रही है।

सुप्रीम कोर्ट बार की कड़ी प्रतिक्रिया

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने इस घटना को 'शर्मनाक' और 'न्यायपालिका की गरिमा के खिलाफ हमला' बताया है। एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा, अगर कोई वकील कोर्ट के अंदर ऐसा व्यवहार करता है, तो यह पूरे पेशे को बदनाम करता है। ऐसे व्यक्ति के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए।

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क्या आगे होगा?

घटना के तुरंत बाद सुप्रीम कोर्ट परिसर की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। कोर्ट में प्रवेश के दौरान पहचान पत्र और तलाशी प्रक्रिया को और सख्त किया गया है। सुप्रीम कोर्ट जैसे देश के सबसे बड़े न्यायिक मंच पर ऐसी घटना का घटित होना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और गरिमा को भी प्रभावित करता है। जहां CJI गवई की शांत प्रतिक्रिया सराहनीय रही, वहीं इस मामले ने न्यायिक संस्थानों की सुरक्षा और वकीलों की नैतिक जिम्मेदारी पर गंभीर बहस छेड़ दी है। अब निगाहें बार काउंसिल ऑफ इंडिया और सुप्रीम कोर्ट की अनुशासनात्मक कार्रवाई पर हैं। क्या आरोपी वकील का लाइसेंस निलंबित होगा? क्या इस घटना को अदालत की अवमानना के तहत देखा जाएगा?

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 6 October 2025, 1:57 PM IST