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Samastipur: VVPAT पर्चियां कैसे आई सड़कों पर? वोट चोरी के आरोप; आयोग और सिस्टम कटघरे में, जानिये पूरा मामला

जिले में चुनाव आयोग के प्रोटोकॉल में लापरवाही की वजह से मॉक पोल पर्चियां सड़क किनारे पाई गईं। आयोग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सहायक निर्वाचन अधिकारी को निलंबित किया और एफआईआर दर्ज करवाई। यह घटना चुनाव की निष्पक्षता पर नए सवाल खड़े करती है।
Post Published By: Subhash Raturi
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Samastipur: VVPAT पर्चियां कैसे आई सड़कों पर? वोट चोरी के आरोप; आयोग और सिस्टम कटघरे में, जानिये पूरा मामला

Samastipur: बिहार के समस्तीपुर जिले के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां सड़क किनारे बड़ी संख्या में “वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल” (VVPAT) की पर्चियां पाई गईं। यह पर्चियां चुनावी प्रक्रियाओं को लेकर कई सवाल खड़े कर रही हैं। जब स्थानीय लोगों ने इन पर्चियों को सड़क किनारे देखा, तो सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल हो गईं और प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई शुरू की।

मॉक पोल पर्चियों की असलियत

जांच में यह सामने आया कि यह पर्चियां “मॉक पोल” की थीं, यानी मतदान से पहले मशीनों की जांच के दौरान इन्हें निकाला गया था। इन पर्चियों का उद्देश्य केवल सिस्टम की जांच करना था, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण इन पर्चियों को सही तरीके से नष्ट नहीं किया गया। चुनाव आयोग ने इस घटना को गंभीर मानते हुए संबंधित सहायक निर्वाचन अधिकारी को निलंबित कर दिया और मामले की जांच के लिए एफआईआर दर्ज करवाई।

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चुनाव आयोग की त्वरित कार्रवाई

चुनाव आयोग ने घटना के बाद त्वरित कार्रवाई की और एक बयान जारी कर बताया कि स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही की वजह से मॉक पोल पर्चियों को सुरक्षित नष्ट नहीं किया गया। आयोग ने निर्देश दिया कि इस घटना की विस्तृत जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी द्वारा प्रस्तुत की जाए। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि इस घटना से मतदान की प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ा है, क्योंकि ये पर्चियां असली मतदान में प्रयोग नहीं की गईं थीं।

विपक्ष ने निष्पक्षता पर उठाए सवाल

इस घटना के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने चुनाव आयोग से इस घटना पर स्पष्ट जवाब मांगा है। पार्टी ने सवाल उठाया कि अगर ये मॉक पोल की पर्चियां थीं, तो इतने बड़े पैमाने पर सड़क किनारे कैसे पहुंच गईं? राजद ने निष्पक्ष जांच की मांग की और कहा कि इस प्रकार की घटनाएं मतदाताओं में अविश्वास पैदा करती हैं और चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाती हैं।

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मतदान की अखंडता बरकरार

जिलाधिकारी ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि इस घटना का चुनावी प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी वीवीपैट मशीनों की सील और रिकॉर्ड सुरक्षित हैं, और किसी भी मतदान मशीन में किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की गई है। इसके बावजूद, प्रशासन ने सभी उम्मीदवारों को इस बारे में जानकारी दे दी है और सुनिश्चित किया है कि चुनाव की प्रक्रिया पर कोई असर न पड़े।

अगले चरणों के लिए तैयार चुनावी आयोग

यह घटना तब सामने आई है जब बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग खत्म हो चुकी है और समस्तीपुर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में दूसरी चरण की वोटिंग की तैयारियां चल रही हैं। आयोग ने अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए कहा है कि वह चुनावी प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

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