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मुजफ्फरपुर के नर्सिंग संस्थान में फूड प्वाइजनिंग, दर्जनभर छात्र-छात्राएं अस्पताल में भर्ती

मुजफ्फरपुर के दून इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एंड पारा मेडिकल साइंस में फूड प्वाइजनिंग का मामला सामने आया है। शनिवार रात करीब दर्जनभर छात्र-छात्राएं भोजन के बाद अचानक बीमार पड़ गए।
Post Published By: Mayank Tawer
Updated:
मुजफ्फरपुर के नर्सिंग संस्थान में फूड प्वाइजनिंग, दर्जनभर छात्र-छात्राएं अस्पताल में भर्ती

Muzaffarpur (Bihar): कुढ़नी थाना क्षेत्र के फकुली ढोढ़ी रतन गांव स्थित दून इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एंड पारा मेडिकल साइंस में शनिवार की रात एक गंभीर मामला सामने आया, जब संस्थान के करीब दर्जनभर छात्र-छात्राएं अचानक फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए। सभी को तत्काल मनरिया स्थित आरडीजेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज जारी है।

ये बच्चे हुए बीमार

बीमार होने वालों में संस्थान के बीएससी नर्सिंग फर्स्ट सेमेस्टर और जीएनएम के छात्र-छात्राएं शामिल हैं। प्रमुख रूप से समीक्षा सिंह, चुलबुल कुमारी, महालक्ष्मी कुमारी, महारानी कुमारी, गुड्डू कुमार, आयुष कुमार, किशन कुमार, राजू कुमार, विशाल कुमार, नीतन कुमार और रूपम कुमारी का नाम सामने आया है।

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सभी की हालत स्थिर

घटना की जानकारी मिलते ही संस्थान प्रशासन की टीम सक्रिय हुई और सभी पीड़ितों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के मुताबिक सभी की हालत फिलहाल स्थिर है और सोमवार तक उन्हें छुट्टी दिए जाने की संभावना है।

छात्रों का आरोप

पीड़ित छात्रों ने संस्थान के मेस (भोजन व्यवस्था) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि खाना नियमित रूप से बेहद खराब क्वालिटी का होता है और अक्सर थालियों में कीड़े-मकोड़े पाए जाते हैं। छात्रों ने बताया कि उन्होंने कई बार इसकी शिकायत की लेकिन प्रबंधन और मैनेजर ने कभी गंभीरता से नहीं लिया। आरोप यह भी है कि संस्थान में अनुभवहीन और कम वेतन वाले मेस कर्मियों से खाना बनवाया जाता है, जिससे छात्रों की जान खतरे में रहती है।

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प्रबंधन का जवाब

इस पूरे मामले पर संस्थान के प्राचार्य राजीव कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि घटना सिर्फ कुछ बच्चों के साथ हुई थी। सभी को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया और अब उनकी स्थिति सामान्य है। सोमवार तक सभी को अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि मामले की आंतरिक जांच की जा रही है और आगे की लापरवाही पर कार्रवाई होगी।

पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं

यह पहला मौका नहीं है, जब संस्थान की लापरवाही सामने आई हो। करीब डेढ़ महीने पहले शॉर्ट सर्किट की एक घटना में दो-तीन छात्र झुलस गए थे। उस समय भी प्रबंधन पर घटना को दबाने और लापरवाही बरतने के आरोप लगे थे। अब फूड प्वाइजनिंग की घटना ने फिर से संस्थान की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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