Patna: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार (10 नवंबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मतदान के चार दिन बाद भी चुनाव आयोग ने आंकड़े जारी नहीं किए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आयोग कुछ छुपा रहा है। तेजस्वी ने सवाल उठाया कि आखिर आयोग क्यों नहीं बता रहा कि कितने पुरुष और कितनी महिलाएं वोट डाल चुकी हैं।
चुनाव आयोग भाजपा का टूल बन गया
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा का टूल बन चुका है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह अधिकारियों पर दबाव बना रहे हैं। उनका आरोप था कि गृह मंत्री जिलों के अधिकारियों को फोन कर रहे हैं और कई लोगों को उठाया जा रहा है। तेजस्वी ने कहा कि प्रशासन पर दबाव डालकर चुनाव प्रक्रिया प्रभावित की जा रही है।
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बिहार को उपनिवेश बनाने का आरोप
तेजस्वी ने कहा कि अमित शाह बिहार को अपना उपनिवेश बनाना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों से 208 पुलिस कंपनियां बिहार भेजी गई हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्यों केवल यूपी, गुजरात, असम, राजस्थान, मेघालय, गोवा और उत्तराखंड की पुलिस आई, जबकि झारखंड और बंगाल जैसी पड़ोसी राज्यों की पुलिस नहीं आई। तेजस्वी ने यह भी कहा कि हर जगह सीसीटीवी बंद मिल रहा है और चुनाव आयोग को इसका स्पष्टीकरण देना चाहिए।
बिहार में नौकरी देने वाली सरकार का दावा
तेजस्वी ने 14 नवंबर के बाद बिहार में बदलाव का दावा किया। उनका कहना था कि बिहार में इस बार नौकरी देने वाली सरकार बनेगी और राज्य सबसे विकसित बन जाएगा। उन्होंने बताया कि उन्होंने 171 चुनावी सभाएं कीं और हर जगह जनता में बदलाव का मूड देखा। तेजस्वी ने दावा किया कि हर समाज, धर्म और जाति के लोगों ने उन्हें समर्थन दिया है।
नीतीश कुमार और एनडीए सरकार पर निशाना
आरजेडी नेता ने नीतीश कुमार और एनडीए सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि पिछले 20 साल में बिहार देश के सबसे गरीब और पिछड़े राज्यों में खड़ा हो गया। तेजस्वी ने बताया कि राज्य में सबसे ज्यादा पलायन, गरीबी और बेरोजगारी है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “दो-दो बेकार के उपमुख्यमंत्री हैं, लेकिन जनता के लिए कोई काम नहीं हुआ।”
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चुनाव में अनियमितताओं का आरोप
तेजस्वी ने समस्तीपुर और सरायरंजन की घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पर्चियां फेंकी गईं और प्रशासन की भूमिका संदिग्ध रही। उनका कहना था कि ये सब चुनाव आयोग की नजरों के सामने हो रहा है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।

