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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: दूसरे चरण में रिकॉर्ड तोड़ा वोटर टर्नआउट, बेरोजगारी और पलायन बने चुनावी मुद्दे

बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में मंगलवार को 122 सीटों पर मतदान संपन्न हुआ। 67.14% वोटिंग के साथ यह अब तक का सबसे ज्यादा मतदान प्रतिशत दर्ज किया गया। इस बार रोजगार, पलायन और विकास के मुद्दे जनता के बीच प्रमुख रहे।
Post Published By: Asmita Patel
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: दूसरे चरण में रिकॉर्ड तोड़ा वोटर टर्नआउट, बेरोजगारी और पलायन बने चुनावी मुद्दे

Patna: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का दूसरा चरण मंगलवार को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। इस चरण में कुल 122 विधानसभा क्षेत्रों में वोट डाले गए। चुनाव आयोग के मुताबिक, शाम 5 बजे तक 67.14 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो अब तक के सभी चुनावों में सबसे अधिक है। अनुमान है कि अंतिम आंकड़ा 70 प्रतिशत से अधिक तक पहुंच सकता है।

इस चरण में गया, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद, नवादा, भागलपुर, बांका, जमुई, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, सुपौल, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, किशनगंज, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण समेत 20 जिलों में मतदान हुआ। कुल 1,302 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला EVM में बंद हो गया, जिनमें 1,165 पुरुष, 136 महिलाएं और 1 ट्रांसजेंडर उम्मीदवार शामिल थे।

किशनगंज में सबसे ज्यादा तो नवादा में सबसे कम मतदान

राज्यभर में लोगों ने बढ़-चढ़कर वोटिंग में हिस्सा लिया। किशनगंज जिले में सबसे ज्यादा 76.26% मतदान दर्ज किया गया। कटिहार 75.23%, पूर्णिया 73.79%, सुपौल 70.69% और पूर्वी चंपारण 69.02% मतदान के साथ टॉप जिलों में रहे। वहीं, नवादा में शाम 5 बजे तक केवल 57.11% मतदान हुआ, जो सबसे कम रहा।

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भारत निर्वाचन आयोग के वोटर टर्नआउट ऐप के अनुसार, कई इलाकों में भारी भीड़ के चलते मतदान केंद्रों का समय 30 मिनट बढ़ाया गया। कुल मिलाकर, दूसरे चरण की वोटिंग में लोगों की उत्साहजनक भागीदारी ने यह संकेत दिया कि इस बार मतदाता ‘मुद्दों’ पर वोट डालना चाहते हैं।

बेरोजगारी, पलायन और विकास बने असली मुद्दे

इस बार बिहार चुनाव का एजेंडा जातीय समीकरणों से हटकर रोजगार और विकास पर केंद्रित दिखाई दिया। गांवों और कस्बों में युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक ने एक सुर में कहा कि रोजगार मिलेगा तो हम बिहार में रहेंगे, नहीं तो फिर पलायन ही मजबूरी है। युवाओं में सरकारी नौकरियों की कमी, निजी क्षेत्र के अवसरों की कमी और शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा को लेकर नाराज़गी दिखी। राजधानी पटना, भागलपुर और गया में मतदाताओं ने कहा कि पिछले पांच सालों में बड़ी संख्या में युवा बाहर काम करने को मजबूर हुए हैं। यही कारण है कि रोजगार और पलायन इस चुनाव के सबसे बड़े मुद्दे बन गए हैं।

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पहली बार महिलाओं ने दिखाई ताकत

दूसरे चरण के मतदान में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से अधिक रही। कई जिलों में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 69% से ऊपर दर्ज किया गया। पहली बार वोट डालने वाले युवा मतदाताओं ने सोशल मीडिया पर #VoteForBihar अभियान चलाया, जिससे मतदान को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। पटना, भागलपुर और कटिहार में युवाओं की लंबी कतारें मतदान केंद्रों पर नजर आईं।

एग्जिट पोल में दिलचस्प रुझान

जैसे ही मतदान समाप्त हुआ, टीवी चैनलों और सर्वे एजेंसियों ने एग्जिट पोल के नतीजे जारी करने शुरू कर दिए। प्रारंभिक रुझानों में यह संकेत मिला कि मतदाता बदलाव के मूड में हैं, लेकिन कई सीटों पर कांटे की टक्कर है। एग्जिट पोल में बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को लेकर मतदाताओं के रुझान को निर्णायक माना जा रहा है।

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