Patna: मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राज्य के मतदाताओं को भरोसा दिलाया है कि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह शांतिपूर्ण, पारदर्शी और निष्पक्ष होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग की नीति हिंसा के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की है और किसी भी तरह की अव्यवस्था या कानून व्यवस्था में बाधा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ज्ञानेश कुमार ने यह बातें एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहीं। उन्होंने कहा कि आयोग का लक्ष्य है कि हर मतदाता को सुरक्षित और निष्पक्ष माहौल में मतदान का अवसर मिले। उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास रहेगा कि बिहार में चुनाव पूरी पारदर्शिता और कानूनी प्रक्रिया के तहत संपन्न हों। आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी मतदाता भय या दबाव में आए बिना अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके।”
हिंसा और दबाव पर सख्ती
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव आयोग राज्य प्रशासन और पुलिस के साथ मिलकर ऐसे सभी उपाय कर रहा है जिससे मतदान के दौरान किसी प्रकार की हिंसा या अनियमितता की गुंजाइश न रहे। आयोग ने पहले ही सभी जिलों के अधिकारियों को चुनावी आचार संहिता और सुरक्षा व्यवस्था के पालन को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि जहां कहीं भी हिंसा या अवैध गतिविधियों के संकेत मिलेंगे, वहां तुरंत कार्रवाई की जाएगी। आयोग के पास इस बार अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली और फ्लाइंग स्क्वॉड टीमें तैनात की जा रही हैं, जो पूरे चुनावी प्रक्रिया पर नजर रखेंगी।
मतदाताओं से अपील
ज्ञानेश कुमार ने बिहार के मतदाताओं से अपील की कि वे लोकतंत्र के इस “महाउत्सव” में सक्रिय रूप से भाग लें और भयमुक्त होकर मतदान करें। उन्होंने कहा, “हमारा लोकतंत्र तभी मजबूत होगा जब हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझते हुए मतदान करेगा। आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि हर मतदाता को अपनी इच्छा व्यक्त करने और मतदान केंद्र तक पहुंचने में किसी प्रकार की बाधा न हो।”
पारदर्शिता पर जोर
मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी बताया कि आयोग चुनावी प्रक्रिया को पूर्ण पारदर्शिता के साथ संपन्न करने के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करेगा। मतदाता सूची, मतदान केंद्रों की व्यवस्था और मतगणना प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सभी स्तरों पर निगरानी रखी जाएगी। ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग का उद्देश्य केवल मतदान संपन्न कराना नहीं, बल्कि ऐसा माहौल तैयार करना है जहां मतदाता को यह महसूस हो कि उसका वोट ही सबसे बड़ी ताकत है।
बिहार में अगले कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर अब राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है, वहीं चुनाव आयोग ने अपने सख्त रुख और पारदर्शिता की प्रतिबद्धता के जरिए मतदाताओं और राजनीतिक दलों दोनों को स्पष्ट संदेश दे दिया है- “हिंसा नहीं, लोकतंत्र की जीत ही प्राथमिकता है।”

