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मोकामा से जुड़ेगा बेगुसराय! सिमरिया 6 लेन गंगा ब्रिज बनकर तैयार, 22 अगस्त को PM मोदी करेंगे उद्घाटन

यह नया छह लेन का पुल पुराने दो लेन के रेल-कम-रोड पुल ‘राजेंद्र सेतु’ के समानांतर बनाया गया है। लगभग सात दशक पुराना राजेंद्र सेतु वर्तमान में मरम्मताधीन है, जिस कारण भारी वाहनों की आवाजाही उस पर प्रतिबंधित है। मजबूरन इन वाहनों को लंबा चक्कर लगाकर गुजरना पड़ता है। नया पुल खुलने के बाद ऐसे वाहनों को 100 किलोमीटर तक की अतिरिक्त यात्रा से मुक्ति मिलेगी।
Post Published By: Rohit Goyal
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मोकामा से जुड़ेगा बेगुसराय! सिमरिया 6 लेन गंगा ब्रिज बनकर तैयार, 22 अगस्त को PM मोदी करेंगे उद्घाटन

Patna: औंटा घाट-सिमरिया 6 लेन गंगा ब्रिज बनकर तैयार हो गया है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 अगस्त, 2025 को किया जाएगा। यह ब्रिज “विकासशील बिहार का प्रतीक” है, जो मोकामा के औंटा और बेगूसराय के सिमरिया को जोड़ेगा।

इस परियोजना में 1.865 किलोमीटर लंबा गंगा पुल शामिल है, जो सीधे मोकामा (पटना जिला) को बेगूसराय से जोड़ेगा। यह नया छह लेन का पुल पुराने दो लेन के रेल-कम-रोड पुल ‘राजेंद्र सेतु’ के समानांतर बनाया गया है। लगभग सात दशक पुराना राजेंद्र सेतु वर्तमान में मरम्मताधीन है, जिस कारण भारी वाहनों की आवाजाही उस पर प्रतिबंधित है। मजबूरन इन वाहनों को लंबा चक्कर लगाकर गुजरना पड़ता है। नया पुल खुलने के बाद ऐसे वाहनों को 100 किलोमीटर तक की अतिरिक्त यात्रा से मुक्ति मिलेगी।

गौरतलब है कि इस परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही रखी थी। अब इसका लोकार्पण राज्य के लिए बेहतर संपर्क और विकास के नए दौर की शुरुआत मानी जा रही है। यह गंगा पुल न केवल इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना है, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को गति देने, सांस्कृतिक महत्व को बढ़ाने और लोगों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगा।

औंटा-सिमरिया पुल की लम्बाई 1.865 किमी है। पहुंच पथ सहित परियोजना की कुल लंबाई 8.150 किलोमीटर है। परियोजना की कुल लागत 1871 करोड़ रूपया है। इस पुल के बन जाने से उत्तर एवं दक्षिण बिहार की संपकर्त्ता में व्यापक सुधार हुआ। यहां पहले से मात्र 2 लेन का रेल-सह-सड़क पुल था। राजेंद्र सेतु (सड़क-सह-रेल पुल) का शिलान्यास डॉ. राजेन्द्र प्रसाद भारत के राष्ट्रपति के द्वारा वर्ष 1956 में किया गया था। इसका उद्घाटन जवाहरलाल नेहरू एवं कृष्ण सिंह द्वारा 1959 में किया गया था।

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